गन्ना मूल्य भुगतान को लेकर सरकार उदासीन
कुशीनगर कोरोना काल में आर्थिक संकट से जूझ रहे किसानों का करोड़ों रुपये चीनी मिलों
कुशीनगर: कोरोना काल में आर्थिक संकट से जूझ रहे किसानों का करोड़ों रुपये चीनी मिलों पर बकाया है। अत्यधिक बारिश की वजह से खरीफ की फसल चौपट हो गई है। डीजल, खाद की कीमत में बेतहाशा वृद्धि से किसानों की कमर टूट चुकी है। किसानों के संकट को लेकर प्रदेश सरकार उदासीन बनी हुई है।
यह बातें सपा नेता एनपी कुशवाहा ने कही। वह खड्डा कस्बा स्थित कैंप कार्यालय में कार्यकर्ताओं की बैठक को संबोधित कर रहे थे। कहा कि केवल पिपराइच चीनी मिल पर किसानों का 36 करोड़ बकाया है, सरकार चुप बैठी है। नए पेराई सत्र में कोई किसान इस मिल को गन्ना नहीं देना चाहता है। आवंटन का विरोध हो रहा है और लोग आंदोलन पर आमादा हैं। केंद्र और प्रदेश में जब से भाजपा की सरकार बनी है, किसानों के साथ सौतेला व्यवहार हो रहा है। कहा कि समाजवादी पार्टी मांग कर रही है कि तत्काल बकाया गन्ना मूल्य का भुगतान कराया जाए, डीजल की कीमत कम हो और 400 रुपये प्रति क्विटल गन्ना मूल्य घोषित किया जाए। पूर्व चेयरमैन मिठाई लाल यादव, पारसनाथ कुशवाहा, अरस्तु जमाल आदि मौजूद रहे।