खतौनी जमा करने के लिए किसानों को आखिरी मोहलत
गन्ना सर्वे की सूची से मिलान कराने की प्रक्रिया पूरी होने के बाद विभाग ने ऐसे किसानों को 30 सितंबर तक की मोहलत दी है जिन्होंने खतौनी व घोषणा पत्र जमा नहीं किया है। जमा कराने के लिए सुपरवाइजरों को लगाया गया है।
कुशीनगर: गन्ना सर्वे की सूची से मिलान कराने की प्रक्रिया पूरी होने के बाद विभाग ने ऐसे किसानों को 30 सितंबर तक की मोहलत दी है, जिन्होंने खतौनी व घोषणा पत्र जमा नहीं किया है। जमा कराने के लिए सुपरवाइजरों को लगाया गया है।
चीनी मिलों की ओर से किसानों को समय से पर्ची उपलब्ध कराने व बिचौलियों का खेल खत्म करने को लेकर विभागीय तैयारियां अंतिम दौर में चल रहीं हैं। सट्टा नीति के अनुसार गन्ना समिति कंप्यूटर से पर्ची प्रिट कराकर पर्यवेक्षक के जरिये किसानों तक पहुंचाएगी। गन्ना काश्तकार राजा महेश्वर प्रताप शाही, पारसनाथ सिंह, विश्वनाथ सिंह पटेल, दिनेश कुमार पाठक व सुरेंद्र सिंह का कहना है कि नई व्यवस्था किसानों के लिए बेहतर है। इससे खेत में खड़े गन्ने के अनुसार पड़ताल पर पर्ची मिलेगी, गन्ना गिराने में आसानी रहेगी। पहले मिलों व समितियों द्वारा मनमाने ढंग से पर्ची देने के कारण लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा था। जिला गन्ना अधिकारी वेद प्रकाश सिंह ने कहा कि इस व्यवस्था से किसानों को राहत मिलेगी। बिचौलिए औने-पौने दाम पर किसानों से गन्ना नहीं खरीद पाएंगे। इसका लाभ सीधे किसानों को मिलेगा। किसानों को घोषणा पत्र के साथ खतौनी, आधार नंबर व बैंक पासबुक की फोटो कापी 30 सितंबर तक उपलब्ध करानी होगी अन्यथा पर्ची आपूर्ति बाधित कर दी जाएगी।