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कोरोना संक्रमण काल में डेढ़ लाख लोगों को निश्शुल्क भोजन

कुशीनगर में अंशुमान ने सेवा की मिसाल पेश की है दोस्त के दर्द से फूटा सेवा का भाव निकल पड़े मदद की राह अब भी जारी है सेवा का सफर प्रशासन से लेकर हर कोई हुआ मुरीद।

By JagranEdited By: Published: Fri, 18 Jun 2021 12:52 AM (IST)Updated: Fri, 18 Jun 2021 12:52 AM (IST)
कोरोना संक्रमण काल में डेढ़ लाख लोगों को निश्शुल्क भोजन

कुशीनगर : कोरोनाकाल में सभी अपने-अपने ढंग से कोरोना के खिलाफ मोर्चा संभाले हुए थे। इसको मात देने में सेवा के लिए बढ़े हाथों की भी बड़ी भूमिका रही। कुछ तो मिसाल बनकर खड़े हैं। पडरौना निवासी सराफा कारोबारी अंशुमान बंका ऐसी ही एक मिसाल हैं। इनके द्वारा अब तक कोरोनाकाल में डेढ़ लाख लोगों को निश्शुल्क भोजन कराया जा चुका है। सिलसिला अभी थमा नहीं है। उनके इस कार्य का प्रशासन भी मुरीद है। निश्शुल्क भोजनालय चलाने को अस्पताल परिसर में जगह दी है।

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दरअसल, कोरोना की दूसरी लहर चरम पर थी तो जिले के ही ग्राम पचफेड़ा निवासी अंशुमान के मित्र ब्रजेन्द्र पाण्डेय कोरोना से संक्रमित हो गए। गोरखपुर के मेडी हब अस्पताल में भर्ती हुए। 28 अप्रैल को ठीक होकर बाहर निकले तो वह उनसे मिलने पहुंचे। अस्पताल में पौष्टिक आहार के अभाव में मरते कोरोना मरीज, बेहाल तीमारदार और कोरोना क‌र्फ्यू में खाने के लिए बेहाल नर्सिंग स्टाफ के दर्द से साक्षात्कार हुआ। बात मन को साल गई। संस्था मां भारत वाहिनी के युवा साथियों के साथ बैठक की। तय हुआ कि किसी को भोजन के अभाव में मरने नहीं दिया जाएगा। भूखा नहीं रहने दिया जाएगा। मेडी हब में पहला भोजनालय 30 अप्रैल को प्रारंभ किया गया। प्रतिदिन 1000 लोगों को भोजन व नाश्ता दिया जाता रहा। इसके बाद जिला चिकित्सालय रवींद्र नगर पडरौना में भोजनालय चलाने का प्रस्ताव चिकित्सा अधिकारी के समक्ष रखा गया। अनुमति भी मिल गई। संगठन के 18 युवाओं के साथ दो मई से यहां भोजनालय शुरू किया। मई में प्रतिदिन 3000 से 3500 लोगों को निश्शुल्क नाश्ता व भोजन मिलता रहा। वर्तमान में 1500 लोग भोजन कर रहे हैं। शुरू में एक माह तक इसका सारा खर्च सर्राफा व्यवसायी अंशुमान खुद उठाते रहे। बाद में मदद के लिए अनेक हाथ बढ़े।

ऐसे मिलता है नाश्ता के साथ भोजन

- सुबह पांच बजे से रात दो बजे तक चलता है भोजनालय

-काढा- गरम पानी- मेडिकेटेड भाप की भी है व्यवस्था

- सुबह पांच बजे से 10 बजे तक नाश्ते में काढा- चाय और चना

-सुबह दस बजे से लेकर रात दो बजे तक भोजन

- भोजन में चावल, दाल, पूड़ी, रोटी सब्जी

मेडिकल स्टाफ का भी कराया इंतजाम

अंशुमान बंका ने बताया कि मन को बड़ा सुकून मिल रहा है। भोजनालय में डेढ़ लाख से अधिक लोग अब तक भोजन कर चुके हैं। जिला कोविड अस्पताल में स्टाफ की कमी होने पर प्रशिक्षित निजी स्टाफ नर्स की भी व्यवस्था कराई ताकि मरीजों को परेशानी न हो।


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