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जलस्तर घटा पर नदी का दबाव बरकार

नारायणी नदी तमकुहीराज तहसील क्षेत्र के 17 किमी लंबे एपी बांध के किमी 14.500 के सामने अहिरौलीदान गांव में तबाही मचाने को आतुर है। बुधवार को नदी के जलस्तर में मंगलवार की अपेक्षा 20 सेंटीमीटर की कमी दर्ज की गई। इसके बावजूद पानी का दबाव बरकरार है।

By JagranEdited By: Published: Wed, 02 Oct 2019 11:31 PM (IST)Updated: Wed, 02 Oct 2019 11:31 PM (IST)
जलस्तर घटा पर नदी का दबाव बरकार
जलस्तर घटा पर नदी का दबाव बरकार

कुशीनगर : नारायणी नदी तमकुहीराज तहसील क्षेत्र के 17 किमी लंबे एपी बांध के किमी 14.500 के सामने अहिरौलीदान गांव में तबाही मचाने को आतुर है। बुधवार को नदी के जलस्तर में मंगलवार की अपेक्षा 20 सेंटीमीटर की कमी दर्ज की गई। इसके बावजूद पानी का दबाव बरकरार है।

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बांध के किमी जीरो पिपराघाट में लगे गेज पर नदी का जलस्तर 74.55 मीटर दर्ज किया गया। मंगलवार को यह 74.75 मीटर था। यहां नदी खतरा के निशान से महज 1.65 मीटर नीचे बह रही है। पिपराघाट में खतरे का निशान 76.20 मीटर पर अंकित है। मंगलवार को नदी का डिस्चार्ज 41400 क्यूसेक से बढ़ कर 48000 पर पहुंच गया। अहिरौलीदान में कटान की वजह से दो घरों पर नदी का दबाव बना हुआ है। बचाव कार्य धीमा होने से ग्रामीणों में आक्रोश व्याप्त है।

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मरम्मत कार्य में जुटा महकमा

बरवापट्टी, कुशीनगर : अमवाखास बांध के गेज पर जलस्तर 75.72 मीटर दर्ज किया गया, जो मंगलवार को 75.76 मीटर था। नदी खतरा के निशान 79.70 मीटर से 3.92 मीटर नीचे है। बांध के बांध के लक्ष्मीपुर गांव के सामने पूर्व स्थान पर हो रही कटान लगभग रुक गई है, लेकिन पिछले तीन दिनों से किमी 8.000 व किमी 8.400 के बीच लगभग 100 मीटर की लंबाई में कटान करते नदी मेन बांध के तरफ बढ़ती चली आ रही है। बांध से नदी की दूरी महज पांच मीटर शेष है।

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दो घंटे में समानान्तर बांध बना रचा इतिहास

-लक्ष्मीपुर में बीते दिनों बांध पर हुए कटान स्थल के समानान्तर दो घंटे में 100 मीटर बांध बना बाढ़ खंड ने इतिहास रचा है। अधिशासी अभियंता भरत राम ने बताया कि 250 मजदूरों, नौ अवर अभियंता तथा तीन सहायक अभियंताओं ने बांध बनाने में सहयोग किया। इससे कटान रोकने में सफलता मिली है।


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