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कोरोना संक्रमण काल से उबरने लगा कारोबार

कुशीनगर ग्राहकों से मधुर रिश्ते और कुछ नया करने की चाहत पर किसी भी कारोबार की बु

By JagranEdited By: Published: Sat, 31 Oct 2020 12:30 AM (IST)Updated: Sat, 31 Oct 2020 12:30 AM (IST)
कोरोना संक्रमण काल से उबरने लगा कारोबार
कोरोना संक्रमण काल से उबरने लगा कारोबार

कुशीनगर: ग्राहकों से मधुर रिश्ते और कुछ नया करने की चाहत पर किसी भी कारोबार की बुनियाद टिकी होती है। साहस हारने व पीछे हटने से सफलता नहीं मिलती है। अगर कभी मुश्किल घड़ी भी हो तो ग्राहकों के विश्वास से फिर से कामयाबी मिल सकती है। जरूरत बस धैर्य रखने की है।

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यह कहना है पडरौना-कसया मार्ग पर गायत्री मंदिर के बगल होटल स्काई लार्क होटल के मालिक राजेंद्र जायसवाल का। वह कहते हैं कि वर्ष 2004 में होटल खोला। खाद्य पदार्थों की गुणवत्ता व बेहतर सफाई व्यवस्था के कारण ग्राहकों की संख्या अच्छी हो गई और कारोबार चल रहा था। सोलह वर्षो में कोई दिक्कत नहीं आई, लेकिन कोरोना संक्रमण के कारण लाकडाउन होने से तीन महीने होटल बंद हो गया। कुछ दिन तक तो कर्मचारियों को इस उम्मीद में रोके रखा गया कि जल्द ही स्थिति सामान्य हो जाएगी। किसी के भी कहीं आने-जाने पर प्रतिबंध था, इसलिए उनके लिए भोजन व रहने का इंतजाम किया। उनकी सुख-सुविधा का पूरा ध्यान दिया गया, लेकिन धीरे-धीरे लाकडाउन की अवधि बढ़ती गयी। कोरोना संक्रमितों के इलाज करने के लिए होटल भी अधिग्रहित कर लिया गया था। उसमें संक्रमितों के 14 दिन क्वारंटाइन किए जाने की व्यवस्था रही। इसलिए कर्मचारियों को उन्हें इस आश्वासन के साथ घर भेज दिया गया कि होटल खुलने पर फिर काम पर बुला लिया जाएगा। इधर होटल बंद होने के कारण तमाम तरह के सामान के नुकसान होने की चिता थी, लेकिन कोई रास्ता नहीं सूझ रहा था। लाकडाउन में शर्तों के साथ कुछ दुकानों को खोलने की छूट मिली भी मिली तो होटल और रेस्त्रां को इससे दूर रखा गया। स्थिति नियंत्रित होने के बाद इसे खोलने की अनुमति मिली। होटल खुले तो श्रमिकों को लगाकर चार-पांच दिन सफाई कराई गई। प्रत्येक कमरे से लेकर सभी हाल में और गेट तक सैनिटाइजेशन कराया गया। होटल तो खुल गए, लेकिन कोरोना संक्रमण का खौफ लोगों में कम नहीं हुआ था। घरों में लोग विभिन्न तरह के नाश्ते बना लेते थे, इसलिए ग्राहक नहीं आते थे। एक सप्ताह तक तो भी ग्राहक नहीं आए, उसके बाद युवाओं का आना शुरू हुआ। धीरे-धीरे व्यवस्था पटरी पर आने लगी और अच्छे कारोबार की उम्मीद जगी। होटल बंद होने से फोन के माध्यम से ग्राहकों से बातचीत का क्रम जारी रखा ताकि आत्मीयता बनी रहे। ऐसा इसलिए भी किया कि अगर हमारे ग्राहक किसी समस्या में हैं और हम समाधान करने में सक्षम हैं तो उनकी मदद की जा सके। इसी सोच को आगे बढ़ाते हुए कार्ययोजना बनायी और इसका प्रतिफल हमें ग्राहकों के प्यार के रूप में मिला, जो किसी भी कारोबार की जान है। डिजिटल पेमेंट की भी व्यवस्था रही, बहुत लोगों ने डिजिटल पेमेंट किया। ग्राहकों की सलाह, विश्वास, डिजिटल का साथ और मेहनत ने स्थितियों को फिर से उनके पक्ष में मोड़ दिया। कहते हैं कि लगन की सभी बुकिग कैंसिल करनी पड़ी। बताया कि अब शादी विवाह का समय आ रहा है, ऐसे में कारोबार बढ़ने की उम्मीद है। ग्राहकों की सुविधाओं को ध्यान में रखते हुए कोरोना काल में रेस्टोरंट का नया डेकोरेशन कराया। ग्राहकों को आकर्षित करने के लिए कई स्कीम चलायी गई, इसका भी लाभ व्यवसाय में मिल रहा है। पिछले एक महीने से व्यवसाय कुछ पटरी पर आ रहा है। प्रतिदिन होटल में ठहरने वालों के अलावा नाश्ता आदि के लिए ग्राहक आ रहे हैं। पहले से स्थिति में धीरे-धीरे सुधार हो रहा है। कर्मचारियों को वापस बुलाया जा रहा है। दिवाली के बाद लगन शुरू होते ही कारोबार फिर पटरी पर आने की संभावना है। इस दिशा में होटल प्रबंधन लगातार प्रयास कर रहा है कि यहां रहने व रेस्टोरेंट आने वालों को कोई असुविधा न होने पाए। इस दिशा में ग्राहकों के दिए गए सुझाव को प्राथमिकता के आधार पर कराया जा रहा है। उन्होंने कहा कि कोरोना संक्रमण को देखते हुए सरकार की गाइड लाइन का पूरी तरह पालन किया जा रहा है। होटल में आने वालों के लिए थर्मल स्क्रीनिग से जांच और सैनिटाइजनेश की भी व्यवस्था है। उनके सभी कर्मचारी इसे लेकर सतर्क रहते हैं। अब कोई दिक्कत नहीं है।


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