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बुद्ध बापू उपवन पर चढ़ी उपेक्षा की चादर

कुशीनगर के कसया के लक्ष्मीबाईपुरम में लापरवाही की आलम यह है कि उपवन की शोभा झाड़-झंखाड़ ने बिगाड़ दी है जिम्मेदारों ने भी चुप्पी साध रखी है यहां रोपे गए थे चार हजार फलदार व छायादार पौधे भी सूखने के कगार पर है।

By JagranEdited By: Published: Mon, 17 Jan 2022 12:26 AM (IST)Updated: Mon, 17 Jan 2022 12:26 AM (IST)
बुद्ध बापू उपवन पर चढ़ी उपेक्षा की चादर
बुद्ध बापू उपवन पर चढ़ी उपेक्षा की चादर

कुशीनगर : नगरपालिका परिषद कसया के लक्ष्मीबाईपुरम (नरकटिया बुजुर्ग) में स्थित बुद्ध बापू उपवन उपेक्षा का शिकार हो गया है। परिसर में उगे झाड़-झंखाड़ उपवन की शोभा बिगाड़ रहे हैं। यहां टहलने जाने से लोग परहेज करने लगे हैं। यहां लगी चार सोलर लाइटें खराब हो गई हैं। नलकूप भी बंद हो गया है। जिम्मेदार पूरी तरह चुप्पी साधे हुए हैं।

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यहां ढाई एकड़ सीलिग की भूमि पर कुछ लोगों ने छप्पर आदि डालकर कब्जा जमा लिया था। तत्कालीन ज्वाइंट मजिस्ट्रेट अभिषेक पांडेय ने डीएम के आदेश पर नौ अगस्त 2019 को पैमाइश कराई। भूमि को अतिक्रमण मुक्त कराकर पौधारोपण कराया गया। इसका नाम बुद्ध बापू उपवन रखा गया। कुशीनगर विशेष क्षेत्र विकास प्राधिकरण, वन विभाग व नगरपालिका के संयुक्त प्रयास से उपवन हरियाली से लहलहा उठा था।

अब उपेक्षा के चलते यहां लगाए गए लगभग चार हजार छायादार व फलदार पौधे सूखने लगे हैं। उपवन की सुरक्षा के लिए तैनात गार्ड रामाज्ञा शर्मा का कहना है कि सोलर लाइट खराब हो गई है। नलकूप भी बंद पड़ा है इस वजह से पौधों की सिचाई नहीं हो पाती। रखरखाव के लिए प्रशासन से कोई खर्च भी नहीं मिलता है। एसडीएम वरुण कुमार पांडेय ने बताया कि यह उनके संज्ञान में नहीं था। उपवन की सुरक्षा और रखरखाव के लिए जो भी आवश्यक होगा किया जाएगा।

उपेक्षा के चलते बदहाल हो गया एएनएम सेंटर

विकास खंड नेबुआ नौरंगिया के सिगहा गांव स्थित एएनएम सेंटर का भवन बदहाल हो गया है। परिसर में चारों तरफ झाड़ियां उग आई हैं। 10 हजार की आबादी वाले सिगहा के अलावा टेढ़ी, मठिया खुर्द आदि गांवों के बीच स्थित यह केंद्र उपेक्षा का शिकार है। जिम्मेदार इसकी सुध नहीं ले रहे हैं।

गांव के अभिषेक शाही, विभू शाही, अखिलेश शाही, प्रद्युम्न तिवारी आदि ने कहा कि केंद्र के निर्माण के बाद यहां तैनात एएनएम नियमित रहती थीं। इससे महिलाओं को प्रसव और बच्चों का टीकाकरण हो जाता था। भवन बदहाल होने की वजह से अब एएनएम यहां रात में नहीं रहती हैं। इस वजह से क्षेत्र की किसी महिला या बच्चे को रात में तकलीफ होने पर आठ किमी दूर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र कोटवा बाजार ले जाना पड़ता है। ग्रामीणों ने एएनएम सेंटर के भवन को ठीक कराने और स्थायी एएनएम को तैनात करने की मांग की है।


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