कुशीनगर के 250 ईंट भट्ठों के शुरू होने की उम्मीद
श्रमिकों की रोजी रोटी को ध्यान में रखते हुए मुख्य सचिव ने प्रदेश भर के जिलाधिकारियों को इस आशय का आदेश दिया है।
कुशीनगर : जिले के ईंट भट्ठों को प्रशासन लॉकडाउन से छूट दे सकता है। भट्ठों पर कार्यरत श्रमिकों की रोजी रोटी को ध्यान में रखते हुए मुख्य सचिव ने प्रदेश भर के जिलाधिकारियों को इस आशय का आदेश दिया है। मुख्य सचिव के आदेश के क्रम में जिला प्रशासन शीघ्र ही इसकी घोषणा कर सकता है।
ईंट-भट्ठों पर काम करने वाले मजदूरों में अधिकतर प्रवासी हैं, जो बिहार, झारखंड व छत्तीसगढ़ से यहां आए हैं। इन मजदूरों की आजीविका प्रतिदिन काम पर निर्भर है। लॉकडाउन में भठ्ठों के बंद होने से इनकी आजीविका पर संकट गहरा गया है। जिले में लगभग 250 ईंट भट्ठे हैं। एक ईंट भट्ठे पर लगभग 100-125 मजदूर काम करते हैं। दूसरे प्रदेशों से आए इन मजदूरों के साथ उनका परिवार भी हैं। भट्ठा संचालक मजदूरों को परिसर में रहने की सुविधा तो देता है, पर भोजन आदि की व्यवस्था उन्हें स्वयं करनी होती है। लॉकडाउन के दौरान मजदूरों के समक्ष परिवार की जिम्मेदारी उठाना मुश्किल हो गया है। 29 मार्च को मुख्य सचिव उप्र ने वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारियों को आदेश जारी कर फिजिकल डिस्टेंसिग का पालन करते हुए ईंट भट्ठों को चालू रखने तथा वहां कार्यरत श्रमिकों के खान, पान व अन्य आवश्यक व्यवस्था करने का निर्देश दिया है। ईंट भट्ठा संघ के अध्यक्ष वीरेंद्र पांडेय ने बताया कि फिलहाल सभी भट्ठा संचालक मजदूरों का ध्यान रख रहे हैं। पर हमारे पास संसाधन सीमित हैं। ऐसे में प्रशासन को ईंट भट्ठों को शुरू कराने के साथ-साथ कोयला, मिट्टी व ईंधन सामग्री के परिवहन की अनुमति देनी चाहिए।
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समाचार माध्यमों से इसकी जानकारी मिली है। प्रशासन को अभी शासनादेश नहीं मिला है। इसके बाद ही कुछ कह पाना ठीक होगा। वैसे मजदूरों के हित को लेकर राज्य सरकार काफी गंभीर है।
अभिषेक कुमार पांडेय, ज्वाइंट मजिस्ट्रेट, कसया