लीची की खेती कर अशोक कर रहे बेहतर कमाई
अशोक सिंह अपने बगान में लगे पौधे से कलम तैयार कर लोगों को मुफ्त देते है। क्षेत्र के युवा किसान कृष्णमोहन पांडेय राजेश कुमार विकास सिंह बताते हैं कि शुरुआत में क्षेत्र के किसान सब्जी व धान-गेहूं की खेती प्रमुखता से करते थे। बागवानी के बारे में उन्हें किसी प्रकार की जानकारी नहीं थी। वे लोग अशोक से प्रेरणा लेते हुए अब लीची की खेती कर रहे हैं।
कुशीनगर: सदर विकास खंड के गांव सखवनिया निवासी अशोक सिंह ने न केवल लीची की खेती कर अपनी माली हालत में सुधार किया है, बल्कि कई किसानों को भी इस काश्तकारी व्यवस्था से जोड़कर उनके जीवन में बदलाव ला रहे हैं।
परिणामस्वरूप आज उनके गांव और उसके आसपास के कई किसान अब नकदी फसल के रूप में लीची की खेती कर रहे हैं। इतना ही नहीं, खुद लीची की खेती से अच्छी आमदनी करने वाले अशोक खुद उन्नत किस्म की लीची का प्लांट तैयार कर अन्य किसानों को भी मुहैया करा रहे हैं। लगभग एक एकड़ जमीन में लीची की खेती करने वाले अशोक सिंह आज सफल किसान के रुप में जाने जाते हैं। इस रकबे में लगभग 40 पौधों के जरिये वे सलाना डेढ़ लाख की आमदनी कर रहे हैं। किसानी में कुछ अलग करने का जज्बा और आमदनी बढ़ाने की उनकी यह कोशिश क्षेत्र के किसानों के लिए नजीर बन गया है। अशोक ने बताया कि खेत में धान-गेहूं की बोआई कर उन्हें उचित फसल नहीं मिल पाती थी। हर वर्ष उनकी मेहनत पर पानी फिर जाता था। उतनी पूंजी भी उनके पास नहीं थी। ऐसे में उन्होंने लीची लगाने का निर्णय लिया। चार वर्षों तक मेहनत से पेड़ को सींचने के बाद फल लगना शुरू हो गया और फिर उनकी माली हालत भी सुधरने लगी।
नौकरी की तलाश में गए थे दिल्ली
घर की माली हालत ठीक नहीं रहने से अशोक गांव से नौकरी की तलाश में डेढ़ दशक पूर्व दिल्ली पहुंचे थे। नौकरी के लिए उन्होंने कई जगह प्रयास किया, लेकिन सफलता नहीं मिली। शुरुआती दौर में उन्होंने सब्जी की खेती कर अपनी गृहस्थी को रफ्तार देने की कोशिश की। फिलहाल वे लीची की खेती नकदी फसल के रूप में कर रहे हैं।
कई किसानों ने भी की शुरुआत
अशोक सिंह अपने बगान में लगे पौधे से कलम तैयार कर लोगों को मुफ्त देते है। क्षेत्र के युवा किसान कृष्णमोहन पांडेय, राजेश कुमार, विकास सिंह बताते हैं कि शुरुआत में क्षेत्र के किसान सब्जी व धान-गेहूं की खेती प्रमुखता से करते थे। बागवानी के बारे में उन्हें किसी प्रकार की जानकारी नहीं थी। वे लोग अशोक से प्रेरणा लेते हुए अब लीची की खेती कर रहे हैं।