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संस्कार भारती के कलाकारों ने खेली फूलों की होली

कुशीनगर के एक होटल में पारिवारिक होली मिलन समारोह में राधा-कृष्ण के नृत्य फाग और चैता पर दर्शक थिरकने लगे।

By JagranEdited By: Published: Wed, 07 Apr 2021 12:23 AM (IST)Updated: Wed, 07 Apr 2021 12:23 AM (IST)
संस्कार भारती के कलाकारों ने खेली फूलों की होली
संस्कार भारती के कलाकारों ने खेली फूलों की होली

कुशीनगर: संस्कार भारती कुशीनगर के तत्वावधान में बुद्धनगरी स्थित एक होटल में पारिवारिक होली मिलन समारोह का आयोजन किया गया। इसमें राधा कृष्ण बने कलाकारों ने एक दूसरे पर फूल बरसाए। उन्हीं फूलों से होली खेली गई।

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समारोह में राधा-कृष्ण के नृत्य, फाग-गीत और चैता पर लोग थिरक उठे। अर्चना, किरन, रागिनी, प्रतीक्षा, सुनंदा, निधि, पीहू, दिनेश, रवि, सुनील, ब्रजेश मणि, ईओ प्रेमशंकर, राजेश मणि, वीरेश आदि के फाग गीतों की सराहना की। मुख्य अतिथि विधायक रजनीकांत मणि त्रिपाठी ने बताया कि 26 मई को 2565 वीं बुद्ध जयंती समारोह का आयोजन बुद्ध विपश्यना केंद्र में जनसहयोग से किया जाएगा। कहा कि संस्कार भारती भारतीय संस्कृति के संव‌र्द्धन का कार्य कर रही है। अध्यक्षता संतोष कुमार श्रीवास्तव ने की व संचालन राजू मद्धेशिया ने किया। संस्था के अध्यक्ष डा. एके सिन्हा ने कार्यक्रम के महत्व पर प्रकाश डाला। ज्वाइंट मजिस्ट्रेट पूर्ण बोरा, निकिता बोरा, डा. जीपी राय, डा. योगेश मद्धेशिया, डा. आरएस यादव, डा. शुभलाल, डा. मनोज जैन, डा. एसके सिंह, डा. आरके यादव, डा. सीमा गुप्त, डा. मृत्युंजय ओझा, ओमप्रकाश सिंह, ओमप्रकाश जायसवाल, डा. टीएन राव, आलोक श्रीवास्तव, डा. अंबरीश विश्वकर्मा, शशि प्रभा राय आदि मौजूद रहे।

एक दरिया को समंदर भी बना सकती है..

नगर पंचायत फाजिलनगर सभागार में कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया। कवियों की एक से बढ़कर एक प्रस्तुति सुन लोग मंत्रमुग्ध हो गए।

शुभारंभ मां सरस्वती के चित्र पर माल्यार्पण से हुआ। इसके पश्चात कवि सुभाष यादव ने जग में माई बिना केहु सहाई ना होई.सुनाया। गोरखपुर की कवियित्री डा. सत्यमवदा शर्मा ने एक दरिया को समंदर भी बना सकती है, प्यार मनुहार का मंजर भी बना सकती है..सुनाया।

कवि नंदलाल विद्रोही ने विद्रोह चलल चीन से त कोरोना रहल, पहुंचल जहवां-जहवां रोना रहल. सुना कर खूब वाहवाही बटोरी। बिहार से आए दुर्गेश दुर्लभ की रचना मोहब्बत में मिलन का दौर भी अद्भुत होता है.सुनकर लोग लोटपोट हो गए। संचालक संतोष संगम ने भावना भाव ना देबू काहे. सुनाकर माहिर विचित्र ने तालियां बटोरीं। कवि बच्चा सिंह सूर्यवंशी ने जय-जय लवली जय-जय गिलास.सुनाया। अध्यक्षता करे रहे कवि राम सागर सिंह सागर पावापुरी ने चौबीस कैरेट के जवान हिदुस्तानियां.. सुनाकर आयोजन की समाप्ति की घोषणा की। आयोजक संजय गौड़ व शिवपूजन गोंड ने आभार प्रकट किया।


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