अभ्युदय योजना से मेधावी विद्यार्थियों को मिलेगी आनलाइन पढ़ाई की सुविधा
कुशीनगर के जिलाधिकारी ने अभ्युदय योजना की शुभारंभ अवसर पर सृजन-50 को सक्रिय करने के लिए अधिकारियों को निर्देश दिए कहा कि योजना की शुरुआत जिले में शीघ्र की जाएगी।
कुशीनगर: प्रदेश सरकार द्वारा प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारियों के लिए संचालित अभ्युदय योजना का वर्चुअल शुभारंभ मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने किया। इसके तहत प्रथम चरण में एक करोड़ छात्र-छात्राओं को प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए चिह्नित किया जाएगा।
लखनऊ में आयोजित कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने कहा कि मेधावी छात्र-छात्राओं को विषय विशेषज्ञ द्वारा कक्षाओं में तथा आनलाइन भी अध्ययन कराया जाए। इसमें प्रतियोगी परीक्षाओं सहित मेडिकल और इंजीनियरिग के प्रतियोगिता की तैयारी भी करायी जाएगी। यह योजना प्रारंभिक तौर पर प्रदेश के सभी मंडलों में संचालित होगी, इसके उपरांत सभी जिलों में भी इसे लागू करने का कार्य किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि युवाओं को प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए नि:शुल्क कोचिग की यह योजना उनके जीवन निर्माण में एक नई ऊर्जा लाएगी, जिससे वे प्रतियोगी परीक्षाओं की अच्छे से तैयारी कर सफलता हासिल कर सकेंगें। सरकार युवाओं को हर स्तर पर सहायता प्रदान करेगी।
जिलाधिकारी ने जनपद में सृजन-50 को सक्रिय किए जाने पर बल देते हुए कहा कि जनपद में भी अभ्युदय योजना शीघ्र लागू की जाएगी। वर्चुअल कार्यक्रम का सजीव प्रसारण कलेक्ट्रेट सभागार स्थित एनआइसी में हुआ, जिसमें जिलाधिकारी एस राजलिगम, जिला समाज कल्याण अधिकारी रश्मि मिश्रा सहित अन्य अधिकारी मौजूद रहे।
लापरवाह शिक्षकों को चिह्नित कर रहा विभाग
कुशीनगर में लापरवाह परिषदीय शिक्षकों की अब खैर नहीं है। देर से विद्यालय पहुंचने तथा समय पूर्व चले जाने की शिकायतों को देखते हुए विभाग ने खंड शिक्षा अधिकारियों को ऐसे शिक्षकों को चिह्नित करने का निर्देश दिया गया है। लापरवाह शिक्षकों की रिपोर्ट निदेशालय को भेजी जाएगी।
जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी विमलेश कुमार ने खंड शिक्षा अधिकारियों से कहा है कि बेसिक शिक्षा को लेकर शासन गंभीर है। इस दिशा में नित नए कदम उठाए जा रहे हैं। स्कूलों में गुणवत्तायुक्त शिक्षा के साथ पठन-पाठन का माहौल और भी बेहतर बनाया जाना है। इन सबके बीच जनपद में शिक्षकों द्वारा लापरवाही बरते जाने के मामले सामने आ रहे हैं। प्राय: शिकायत मिल रही है कि कुछ शिक्षक दायित्वों को लेकर तनिक भी गंभीर नहीं हैं। यह न तो समय से विद्यालय पहुंच रहे और न ही छुट्टी के लिए निर्धारित समय तक विद्यालय में बने रह रहे हैं। इनकी कार्य प्रणाली का असर सहयोगी शिक्षकों पर भी पड़ रहा है। बच्चों की पढ़ाई भी प्रभावित हो रही है। बीईओ को यह जिम्मेदारी सौंपी गई है कि वह अपने-अपने क्षेत्र में सघन जांच कर ऐसे शिक्षकों को चिह्नित कर रिपोर्ट उपलब्ध कराएं। ऐसे शिक्षकों के खिलाफ कार्रवाई करते हुए रिपोर्ट निदेशालय को भेजी जाएगी।