लॉकडाउन में 5621 बच्चों का नहीं हो सका टीकाकरण
डा.एनपी गुप्ता सीएमओ ने कहा है कि कोरोना को लेकर हुए लॉकडाउन की वजह से टीकाकरण कार्य प्रभावित हुआ है। इससे घबराने की जरूरत नहीं है। बच्चों को टीका लगाने के निर्देश दिए गए हैं। इसमें किसी प्रकार की लापरवाही क्षम्य नहीं होगी।
कुशीनगर: 25 मार्च से शुरू हुए लॉकडाउन की वजह से बच्चों को जीवन रक्षक टीके लगवाने में स्वास्थ्य विभाग पिछड़ गया है। पहली अप्रैल से 31 मार्च 2021 तक जनपद में कुल एक 97 हजार नौ 47 बच्चों को जीवन रक्षक टीके लगवाने का लक्ष्य है। इसमें शून्य से लेकर एक वर्ष तक के बच्चों की संख्या एक लाख नौ हजार 47 व एक से दो वर्ष तक की संख्या 97 हजार शामिल है।
कोरोना संक्रमण को लेकर अप्रैल में किसी भी स्वास्थ्य केंद्रों पर टीकाकरण नहीं किया गया। छह मई से टीकाकरण फिर शुरू हुआ है। लक्ष्य 10 हजार 50 के सापेक्ष अभी तक 4429 बच्चों को ही टीका लग पाया है। अभी 5621 बच्चों को जीवन रक्षक टीके लगने हैं।
टीकाकरण से वंचित बच्चों को विभाग गांव-गांव में आशा के माध्यम से ऐसे बच्चों को चिह्नित करेगा, जिनका टीका अप्रैल व मई में लगना था, उनकी सूची बनाकर सामान्य टीकाकरण के दिन लगवाया जाएगा।
बाल रोग विशेषज्ञ डॉ.एसएन सरस्वती कहते हैं कि टीकाकरण में एक महीने के अंतराल से बच्चों के स्वास्थ्य पर कोई खास असर नहीं है। चूंकि बच्चों के उम्र के हिसाब से कितने टीके लगने हैं, पहले से तय रहता है। उसे बाद में भी लगवाया जा सकता है। बच्चों को पौष्टिक आहार का सेवन जरूर कराएं।
डॉ. संजय गुप्त, जिला प्रतिरक्षण अधिकारी ने कहा है कि वंचित बच्चों को अभिभावक बुधवार व शनिवार को नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र पर जाकर टीका लगवा लें। इसके पहले अपने गांव की आशा को बच्चे व उसके पिता का नाम आदि जरूरी सूचनाएं माताएं उपलब्ध करा दें, ताकि उनका ब्योरा अस्पताल को दिया जा सके। इससे टीकाकरण में सुविधा मिलेगी।
डा.एनपी गुप्ता, सीएमओ ने कहा है कि कोरोना को लेकर हुए लॉकडाउन की वजह से टीकाकरण कार्य प्रभावित हुआ है। इससे घबराने की जरूरत नहीं है। बच्चों को टीका लगाने के निर्देश दिए गए हैं। इसमें किसी प्रकार की लापरवाही क्षम्य नहीं होगी।