छह पुलिस कर्मियों समेत 40 संक्रमित,16 स्वस्थ
कुशीनगर में कोरोना संक्रमण लगातार बढ़ रहा है जांच में 2403 लोग निगेटिव पाए गए जबकि सक्रिय केस की संख्या 183 हो गई है स्वास्थ्य विभाग ने होम क्वारंटाइन मरीजों को जरूरी सलाह दी है।
कुशीनगर : जनपद में कोरोना संक्रमण बढ़ता जा रहा है। गुरुवार को 2443 लोगों की जांच रिपोर्ट मिली, इनमें 2403 निगेटिव व पुलिसकर्मियों समेत 40 लोग संक्रमित पाए गए। इसमें तमकुही में चार, नेबुआ नौरंगिया में एक, मोतीचक में चार, खड्डा में तीन, हाटा में दो, फाजिलनगर में तीन, पडरौना में आठ, कसया में तीन, कप्तानगंज में दो, सेवरही में दो, रामकोला में तीन, विशुनपुरा में चार व अन्य क्षेत्र के एक मरीज शामिल हैं। जबकि होम क्वारंटाइन में रहे संक्रमितों में से 16 लोग स्वस्थ हुए हैं। पिछले 24 दिनों में सक्रिय मामलों की संख्या 183 पहुंच गई है। सीएमओ डा.सुरेश पटारिया ने बताया कि स्वस्थ होने वालों को जरूरी हिदायत दी गई है। होम क्वारंटाइन में रखे गए सभी संक्रमितों को दवाएं उपलब्ध करा दी गई हैं। स्वजन को सतर्क करते हुए कोविड नियमों के अनुपालन करने को कहा गया है। सभी नमूने जीनोम सिक्वेंसिग के लिए लखनऊ भेजी गई है। इसमें दो व्यक्तियों की दो बार की जांच में रिपोर्ट पाजिटिव मिली। जनपद में संक्रमितों की संख्या 15885 में से 15473 स्वस्थ हो चुके हैं।
सीएचसी तमकुही की रैपिड रिस्पांस टीम-45 द्वारा पटहेरवा थाना परिसर में कोरोना की जांच कैंप लगाकर की गई। जांच के दौरान थाने के छह पुलिस कर्मी संक्रमित मिले। जिन्हें टीम ने कोरोना गाइड लाइन के मुताबिक आवश्यक सलाह व दवा देते हुए होम क्वारंटाइन में रहने की सलाह दी। डा. मधुसूदन मिश्र के नेतृत्व में टीम के अशोक कुमार कुशवाहा, सीताराम व आईआर अंसारी आदि मौजूद रहे।
कोरोना काल में परीक्षा कराना अनुचित: डा. धीरेंद्र
पूरे प्रदेश में जिस तरह कोरोना संक्रमण बढ़ रहा है, ऐसे में दीदउ गोरखपुर विश्वविद्यालय द्वारा परीक्षाओं का आयोजन कराना शिक्षकों और विद्यार्थियों के जीवन के साथ खिलवाड़ है।
यह बातें गुआक्टा के महामंत्री डा. धीरेंद्र सिंह ने कही। कहा कि ऐसे माहौल में यदि परीक्षा के दौरान किसी भी शिक्षक और परीक्षार्थी के साथ कोई अनहोनी होती है तो इसके लिए कौन जिम्मेदार होगा। विश्वविद्यालय प्रशासन ने केवल पत्र भेजकर कोरोना गाईड लाइन के पालन की जिम्मेदारी परीक्षा केंद्र संचालकों को तय कर दी है। इसके लिए बजट भी नहीं दिया है, जबकि महाविद्यालयों से परीक्षा शुल्क के नाम पर मोटी रकम ली गई है। देश- प्रदेश में कोरोना की बढ़ती संख्या को देखते हुए प्रदेश में कई परीक्षाएं स्थगित कर दी गई हैं। कहा कि लखनऊ विश्वविद्यालय, राम मनोहर लोहिया विश्वविद्यालय, फैजाबाद, कानपुर विश्वविद्यालय, सिद्धार्थ विश्वविद्यालय सहित अनेक विश्वविद्यालयों ने अपनी परीक्षा स्थगित कर दी है तो दूसरी तरफ गोरखपुर विश्वविद्यालय के कुलपति परीक्षा कराने पर अड़े हैं। ऐसे समय में इस तरह की संवेदनहीनता का परिचय देना विश्वविद्यालय से संबद्ध महाविद्यालयों के शिक्षकों और परीक्षार्थियों के जीवन से खिलवाड़ है। गुआक्टा ने कुलपति से मौखिक रूप से अवगत कराया था कि कोरोना संक्रमण को देखते हुए कुछ दिनों के लिए जनवरी में होने वाली सेमेस्टर परीक्षाएं स्थगित कर दी जाएं। प्रत्येक परीक्षा केन्द्र पर 1000 से 1700 तक परीक्षार्थी परीक्षा में सम्मिलित होंगे। ऐसे में शारीरिक दूरी का पालन संभव नहीं हो सकेगा।