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तीन साल में भी नहीं बन पाए 38 आंगनबाड़ी भवन

ब्लाक की ग्राम पंचायतों में 38 आंगनबाड़ी भवनों का निर्माण कार्य तीन साल बाद भी पूरा नहीं हो सका। निर्माण मद में पूरा पैसा भी खर्च हो चुका है और भुगतान भी पूरा किया जा चुका है। 25 भवनों में तो खिड़कियां और फाटक तक नहीं लगाए गए हैं।

By JagranEdited By: Published: Sat, 19 Sep 2020 10:39 PM (IST)Updated: Sat, 19 Sep 2020 10:39 PM (IST)
तीन साल में भी नहीं बन पाए 38 आंगनबाड़ी भवन
तीन साल में भी नहीं बन पाए 38 आंगनबाड़ी भवन

कुशीनगर: ब्लाक की ग्राम पंचायतों में 38 आंगनबाड़ी भवनों का निर्माण कार्य तीन साल बाद भी पूरा नहीं हो सका। निर्माण मद में पूरा पैसा भी खर्च हो चुका है और भुगतान भी पूरा किया जा चुका है। 25 भवनों में तो खिड़कियां और फाटक तक नहीं लगाए गए हैं।

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ग्रामीणों का कहना है कि नौनिहालों के साथ गर्भवती महिलाओं को कुपोषण से बचाने के लिए ग्राम पंचायत स्तर पर इन केंद्रों का संचालन होना है, लेकिन लाखों रुपये खर्च के बावजूद कोई सुविधा नहीं मिल रही है।

एक भवन निर्माण पर 8.60 लाख रुपये की धनराशि खर्च हुई। इसमें एक ही छत के नीचे बच्चों के बैठने के लिए कमरा, किचन, शौचालय के साथ स्टोर की सुविधा उपलब्ध होनी है। इसमें बाल विकास विभाग से दो लाख, पंचायतीराज विभाग से एक लाख छह हजार व मनरेगा के तहत पांच लाख का भुगतान किया गया है। अभी तक इन भवनों में पानी की टंकी, खिड़कियां, फाटक, शौचालय, इंडिया मार्क हैंडपंप नहीं लगे हैं। बीडीओ विवेकानंद मिश्र ने कहा कि यह मामला 2017 का है। तत्कालीन खंड विकास अधिकारी (बीडीओ) रहे सतीश कुमार सिंह ने निर्धारित धनराशि का भुगतान कैसे कर दिया, इसकी जांच कराई जाएगी।


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