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कोरोना की भेंट चढ़ा 100 वर्ष पुराना मेला

कुशीनगर म्यांमार बुद्ध मंदिर परिसर में लगने वाला ऐतिहासिक बुद्ध जयंती मेला इस वर्ष वैश्विक महामारी कोरोना की भेंट चढ़ गया। इस ऐतिहासिक मेले का आयोजन 1919 से वैशाख पूर्णिमा से अनवरत होता रहा है। लगभग ढाई हजार वर्ष पूर्व वैशाख पूर्णिमा को भगवान बुद्ध का लुंबिनी (नेपाल) में जन्म बोध गया में ज्ञान प्राप्ति और कुशीनगर में महापरिनिर्वाण हुआ था।

By JagranEdited By: Published: Sat, 06 Jun 2020 06:04 PM (IST)Updated: Sat, 06 Jun 2020 06:04 PM (IST)
कोरोना की भेंट चढ़ा 100 वर्ष पुराना मेला
कोरोना की भेंट चढ़ा 100 वर्ष पुराना मेला

कुशीनगर: म्यांमार बुद्ध मंदिर परिसर में लगने वाला ऐतिहासिक बुद्ध जयंती मेला इस वर्ष वैश्विक महामारी कोरोना की भेंट चढ़ गया। इस ऐतिहासिक मेले का आयोजन 1919 से वैशाख पूर्णिमा से अनवरत होता रहा है। लगभग ढाई हजार वर्ष पूर्व वैशाख पूर्णिमा को भगवान बुद्ध का लुंबिनी (नेपाल) में जन्म, बोध गया में ज्ञान प्राप्ति और कुशीनगर में महापरिनिर्वाण हुआ था।

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इस ऐतिहासिक तिथि पर कुशीनगर में बुद्ध पूर्णिमा का आयोजन होता है। इसके साथ ही मेला भी शुरू हो जाता था, लेकिन इस वर्ष कोरोना संकट के कारण मेला नहीं लगा। बौद्धों ने बुद्ध पूर्णिमा भी सांकेतिक ढंग से ही मनाया। कुशीनगर भिक्षु संघ के अध्यक्ष एबी ज्ञानेश्वर बताते हैं कि बौद्धों व स्थानीय लोगों के मध्य मेलजोल बढ़ाने के लिए पहले कई वर्षों तक यहां रामलीला का आयोजन होता रहा। महापंडित राहुल सांकृत्यायन के सुझाव पर भिक्षु चंद्रमणि ने बुद्ध पूर्णिमा के साथ बुद्ध जयंती मेले का आयोजन शुरू करवाया था, लेकिन इस वर्ष कोरोना संकट के कारण मेला नहीं लग पाया।


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