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आनलाइन पंजीयन के बाद भी नहीं खरीदा गेहूं

किसानों को गेहूं की उपज का वाजिब दाम मिले। इसके मद्देनजर जिले में 33 क्रय केंद्र बनाए गए। पिछले वर्ष के 22 हजार मीट्रिक टन के सापेक्ष इस बार 42 हजार मीट्रिक टन गेहूं की खरीद यानी दोगुना की गई है। इसके बाद भी आनलाइन पंजीयन करने वाले 2600 किसानों के गेहूं की तौल नहीं कराई जा सकी है। अब किसानों के कम दाम पर व्यापारियों के हाथ गेहूं की बिक्री करनी पड़ रही है। किसानों का आरोप है कि कई व्यापारियों ने किसानों की खतौनी लगाकर आनलाइन पंजीयन कराया और गेहूं को बेच दिया है।

By JagranEdited By: Published: Thu, 24 Jun 2021 11:14 PM (IST)Updated: Thu, 24 Jun 2021 11:14 PM (IST)
आनलाइन पंजीयन के बाद भी नहीं खरीदा गेहूं
आनलाइन पंजीयन के बाद भी नहीं खरीदा गेहूं

जागरण टीम, कौशांबी : किसानों को गेहूं की उपज का वाजिब दाम मिले। इसके मद्देनजर जिले में 33 क्रय केंद्र बनाए गए। पिछले वर्ष के 22 हजार मीट्रिक टन के सापेक्ष इस बार 42 हजार मीट्रिक टन गेहूं की खरीद यानी दोगुना की गई है। इसके बाद भी आनलाइन पंजीयन करने वाले 2600 किसानों के गेहूं की तौल नहीं कराई जा सकी है। अब किसानों के कम दाम पर व्यापारियों के हाथ गेहूं की बिक्री करनी पड़ रही है। किसानों का आरोप है कि कई व्यापारियों ने किसानों की खतौनी लगाकर आनलाइन पंजीयन कराया और गेहूं को बेच दिया है।

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शासन के निर्देश पर एक अप्रैल से जनपद के 33 क्रय केंद्रों पर समर्थन मूल्य पर गेहूं की खरीद शुरू की गई। पहले खरीद की तिथि 15 जून तक की गई थी। गेहूं की बिक्री करने के लिए जनपद के 13200 किसानों ने आनलाइन पंजीयन कराया था। चायल तहसील क्षेत्र के उमरछा गांव के किसान अशोक कुमार, जयंतीपुर के दुर्गेश पांडेय, बच्चा लाल सिराथू तहसील क्षेत्र के नौगिरवा गांव निवासी गुड्डन तिवारी आदि ने बताया कि वह समर्थन मूल्य पर गेहूं की बिक्री के लिए एक माह पूर्व आनलाइन पंजीयन कराया था। गेहूं की बिक्री करने के लिए क्रय केंद्रों का चक्कर काटते रहे लेकिन क्रय केंद्र प्रभारियों ने खरीद नहीं की है। किसानों का आरोप है कि व्यापारियों ने किसानों से औने-पौने दाम पर गेहूं की खरीद कर अपने परिचित व रिश्तेदारों के खेत की खतौनी लगाकर उनके नाम पर गेहूं की बिक्री कर ली। व्यापारियों के गेहूं की तौल पहले करा ली गई है। ऐसे में असली किसान अपनी उपज को समर्थन मूल्य पर बेचने से वंचित रह गए हैं। इस संबंध में जिलाधिकारी सुजीत कुमार का कहना है कि यदि कोई किसान शिकायत करें कि व्यापारी उनसे खतौनी लेकर गेहूं बेचा है तो मामले की जांच कराकर कार्रवाई की जाएगी। समय बढ़ा फिर भी नहीं हुई तौल

शासन ने पहले गेहूं की खरीद की तिथि 15 जून तक निर्धारित की। बाद में 22 जून कर दी। तिथि बढ़ाने के बाद पंजीकृत किसानों में आस जगी थी कि अब उनके गेहूं की तौल करा ली जाएगी। 16 जून से 22 जून तक ओसा मंडी, अजुहा, भरवारी, सिराथू, क्रयकेंद्रों पर गेहूं की खरीद भी हुई, लेकिन पंजीकृत 2600 किसानों के गेहूं की तौल नहीं कराई गई है। अब उन्होंने कम दामों में व्यापारियों को ही अपना गेहूं बेचना पड़ रहा है। शिकायत पर नहीं दिया गया ध्यान

संसू, अर्का : मंझनपुर के म्योहर निवासी सुरेश श्रीवास्तव ने बताया कि खाद्य एवं रसद विभाग में पंजीयन कराया ओसा में संचालित क्रय केंद्र से एक जून को टोकन दिया लेकिन तौल नहीं हुई। किसी तरह पांच जून को 32 क्विंटल गेहूं की तौल कराई। क्रय केंद्र प्रभारी ने एक खाते में 27 क्विंटल गेंहू के रुपये भेजे। चार क्विंटल का दाम अब तक नहीं मिला। शिकायत कई बार क्रय केंद्र प्रभारी से की लेकिन ध्यान नहीं दिया गया है।


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