दो माह बाद मिला अवकाश, परिवार के साथ बीत रहा दिन
कोविड-19 की दूसरी लहर काफी घातक थी। चिकित्सकों व स्वास्थ्य कर्मियों में अपनी जान को जोखिम में डाल कर बगैर अवकाश के संक्रमतितों का इलाज किया। जून माह में कोरोना संक्रमण कम हुआ। तो चिकित्सकों को राहत मिली। अब अवकाश भी मिलने लगा है। सीएचसी कड़ा में तैनात डॉ. सागर दो माह तक लगातार ड्यूटी किया। अब वह चार दिन का अवकाश लेकर घर पहुंचे हैं। अधिकतर समय परिवार के साथ बिता रहे है।
जासं, कौशांबी : कोविड-19 की दूसरी लहर काफी घातक थी। चिकित्सकों व स्वास्थ्य कर्मियों में अपनी जान को जोखिम में डाल कर बगैर अवकाश के संक्रमतितों का इलाज किया। जून माह में कोरोना संक्रमण कम हुआ। तो चिकित्सकों को राहत मिली। अब अवकाश भी मिलने लगा है। सीएचसी कड़ा में तैनात डॉ. सागर दो माह तक लगातार ड्यूटी किया। अब वह चार दिन का अवकाश लेकर घर पहुंचे हैं। अधिकतर समय परिवार के साथ बिता रहे है।
अप्रैल माह से कोरोना संक्रमण कहर शुरू हुआ। जो काफी घातक था। कोविड की वजह से जिले में 67 लोगों की मौत भी हो गई। कोरोना को हराने में चिकित्सक व स्वास्थ्य कर्मियों ने भी अपनी जिम्मेदारी सही तरीके से निभाई है। धरती के भगवान कहे जाने वाले डॉक्टर व स्वास्थ्य विभाग से जुड़े कर्मियों को मरीजों की देखरेख के चलते घर-परिवार सब छूट सा गया था। लगातार ड्यूटी करने के कारण कोविड नियमों के अनुपालन तथा परिवार की सुरक्षा के ²ष्टिकोण से दो माह तक घर नहीं जा पाए। अप्रैल और मई में लगातार कोरोना केस भी थे। अब जब कोरोना केस बहुत कम हो गए लोगों को सहूलियत के लिए साप्ताहिक बंदी व नाइट कोरोना कर्फ्यू को छोड़कर बा•ार खोल दिया गया है। जनपद में कोरोना केस कम होने के साथ मरीजों की देखभाल व इस कार्य मे लगे डॉक्टर व स्वास्थ्य कर्मियों नेभी राहत की सांस ली है। सीएचसी कड़ा में तैनात डा. सागर ने बताया कि कोरोना को हराने के लिए उन्होंने लगातार दो माह ड्यूटी किया है। कोविड वार्ड में 15 दिन ड्यूटी किए। मरीजों की सही तरीके से देखभाल किया। 14 दिन के भीतर 26 मरीज स्वस्थ हुए। वह शुक्रवार को अवकाश लेकर घर पहुंचे। और अपने मम्मी-पापा के साथ दिन समय बीता रहे हैं।