एक विद्यालय में दो रजिस्टर से होगा एमडीएम संचालन
जासं कौशांबी संविलियन के बाद जिले के 318 स्कूलों में एमडीएम के संचालन को लेकर संशय बना हुआ था। इस पर अब विराम लग चुका है। जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी कार्यालय ने सभी एक परिसर में संचालित हो रहे विद्यालयों के लिए एक साथ एमडीएम संचालित करने का निर्देश दिया है। प्राथमिक व जूनियर के लिए अलग अलग लेखा तैयार करने की बात कही है।
जासं, कौशांबी : संविलियन के बाद जिले के 318 स्कूलों में एमडीएम के संचालन को लेकर संशय बना हुआ था। इस पर अब विराम लग चुका है। जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी कार्यालय ने सभी एक परिसर में संचालित हो रहे विद्यालयों के लिए एक साथ एमडीएम संचालित करने का निर्देश दिया है। प्राथमिक व जूनियर के लिए अलग अलग लेखा तैयार करने की बात कही है।
शिक्षा की गुणवत्ता बेहतर बने, इसके लिए शासन ने एक ही परिसर में संचालित हो रहे जिले के 318 स्कूलों को एक कर दिया है। इन स्कूलों में कक्षा एक से लेकर आठ तक की पढ़ाई एक साथ होगी। स्कूल के रख रखाव के लिए प्रधानाध्यापक के साथ ही शिक्षक एक साथ दोनों स्कूलों का काम संचालित करेंगे। शिक्षा के साथ ही दोपहर में मिलने वाला भोजन भी एक साथ बनेगा। अंतर होगा तो केवल छात्रों की हाजिरी को दर्ज करने का और इसके लिए अलग-अलग रजिस्टर भी तैयार किए जाएंगे। जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी अरविद कुमार ने बताया कि राज्य परियोजना के निर्देश के क्रम में हर विद्यालय में प्राइमरी व जूनियर बच्चों के लिए एक साथ एमडीएम बनेगा। एमडीएम का संचालन एक खाते से होगा, लेकिन इसका लेखाजोखा हर विद्यालय अलग-अलग रखेगा जिसे जरूरी के समय पर प्रस्तुत करना पड़ सकता है। एमडीएम कनर्वन कास्ट अलग होने से बदली व्यवस्था
संविलियन हुए 318 स्कूलों में प्राथमिक व जूनियर स्तर के 35 हजार बच्चे पढ़ते है। शासन की ओर से इन बच्चों के लिए एमडीएम का अलग-अलग धन भेजा जाता है। एबीएसए डा. अविनाश सिंह ने बताया कि जूनियर के बच्चों के लिए 6.51 रुपये व प्राथमिक के बच्चों के लिए 4.35 रुपये की दर से भुगतान मिलता है। अलग- अलग दर से भुगतान होने के कारण बच्चों का रिकार्ड भी अलग रखना होगा। इस लिए हर विद्यालय को दो रजिस्टरों में एमडीएम खाने वाले बच्चों का लेखा जोखा रखना होगा।