नजदीकी गेहूं क्रय केंद्र से गांव को किया बाहर, परेशानी
चायल ब्लाक परिषद में गेहूं क्रय केंद्र तो बनाया गया है लेकिन केंद्र से सटे कई गावों को केंद्र से बाहर कर दिया गया है। उन्हें 10-15 किमी दूर स्थित केंद्र से जोड़ दिया गया है। वहीं चायल गेहूं क्रय केंद्र से काफी दूरी के गावों को जोड़ा गया है। जिससे जहां इलाके के किसान गेहूं बेचने के लिए मायूस हैं वहीं दूसरी ओर केंद्र पर गेहूं लेकर किसानों के न पहुंचने से केंद्र प्रभारी पर भी मायूसी छायी है। किसानों ने अपना गांव चायल क्रयकेंद्र से जोड़ने के लिए अधिकारियों मांग की है।
संसू, कसेंदा : चायल ब्लाक परिषद में गेहूं क्रय केंद्र तो बनाया गया है, लेकिन केंद्र से सटे कई गावों को केंद्र से बाहर कर दिया गया है। उन्हें 10-15 किमी दूर स्थित केंद्र से जोड़ दिया गया है। वहीं चायल गेहूं क्रय केंद्र से काफी दूरी के गावों को जोड़ा गया है। जिससे जहां इलाके के किसान गेहूं बेचने के लिए मायूस हैं वहीं दूसरी ओर केंद्र पर गेहूं लेकर किसानों के न पहुंचने से केंद्र प्रभारी पर भी मायूसी छायी है। किसानों ने अपना गांव चायल क्रयकेंद्र से जोड़ने के लिए अधिकारियों मांग की है।
चायल विकास खंड के कसेंदा, मुरादपुर, लालापुर, गिरिया खालसा, पचासा, सिंहपुर आदि दर्जन भर गांवों को चायल ब्लाक परिसर में स्थित गेहूं क्रयकेंद्र में रखा जाता था। इलाके के किसान गेंहू की कटाई कर आसानी से अपना गेंहू केंद्र पर बेच देते थे। कसेंदा के रंजीत यादव, बच्चालाल, शंकर लाल, रामभवन, शिवबाबू, उमेश, मुरादपुर, फतेहपुर सहावपुर, निवासी राकेश पाल, रमेश पाल, पप्पू सिंह आदि ने बताया कि इन दिनों लगभग सभी किसानों ने गेंहू की कटाई और मड़ाई करीब पूरी कर ली है। अब वे उसे बेचने की तैयारी कर रहे हैं। किसानों ने कहा पहले चायल स्थित क्रय केंद्र में कटाई के बाद आसानी से गेहूं बेच देते थे। अब पंद्रह से बीस किमी की दूरी पर स्थित मनौरी से जोड़ दिया गया है। जहां पर में परेशानी हो रही है। अब व्यापारियों को ही कम दामों में गेहूं बेचना पड़ेगा। वहीं केंद्र प्रभारी देवेंद्र सिंह ने बताया कि खानपुर सातवां, बिलासपुर आदि 20-25 किमी के दायरे में आने वाले गांवों को केंद्र से जोड़ दिया गया है। तथा पास के गांव को बाहर कर दिया गया है। जिससे अभी तक एक भी किसान केंद्र पर नहीं पहुंचा है। ऐसे में लक्ष्य पूरा करने में परेशानी होगी।
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किसान गांव से 15- 20 किमी की दूरी पर गेहूं क्रयकेंद्र बनाया गया है। ऐसे में कटाई के बाद गेहूं केंद्र पर पहुंचाने के लिए परेशानी झेलनी पड़ेगी। कहां पर नया केंद्र स्थित है इसकी जानकारी भी नहीं है। ऐसे में कम दामों में व्यापारियों को ही बेंचना पड़ेगा। - उदय सिंह
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चायल में ही महज तीन किमी के दायरे में बने क्रयकेंद्र पर गेहूं बेचने के लिए अब तक ले जाते थे। यहां गेहूं अपने निजी वाहन या फिर कम भाड़े के खर्च कर आसानी से केंद्र पर पहुंच जाता था। यहां गेंहू की बिक्री करने में भी आसानी होती थी। अब गांव को बाहर कर दिया है। अब गेहूं कहां बेचें समझ नहीं आ रहा है।
- रंजीत यादव
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गेहूं के फसलों की कटाई किसानों ने लगभग पूरी कर ली है। अब बेचने की तैयारी कर रहे हैं, लेकिन चायल ब्लाक परिसर में स्थित गेहूं क्रय केंद्र के कर्मचारियों ने हमारा गांव केंद्र से बाहर होने की बात कह कर वापस कर दिया है।
- सागर सिंह
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नजदीक के गांवों को केंद्र से बाहर कर 15- 20 किलोमीटर दूर मनौरी स्थित गेंहू क्रयकेंद्र से गांव को जोड़ दिया गया है। जिसके बारे में किसानों को जानकारी भी नहीं दी गई है। जिसके चलते कई किसानों ने अपने गेंहू व्यापारियों को कम दामों में ही बेच दिया है।
- ज्ञान सिंह