तीन तलाक : साल भर में लिखे दो मुकदमे, एक में लगा दी एफआर
देश में तीन तलाक कानून लागू हुए पूरे एक साल हो गए। संसद में पारित इस कानून के जरिए केंद्र सरकार ने तीन तलाक की पीड़ित महिलाओं की शिकायत पर मुकदमा दर्ज कर उन्हें न्याय दिलाने के लिए अफसरों को आवश्यक निर्देश भी दिया है। इसके बाद भी महिलाओं को इंसाफ नहीं मिल पा रहा है। कानून लागू होने के बाद जिले में तीन तलाक का दो मुकदमा लिखा गया है।
कौशांबी : देश में तीन तलाक कानून लागू हुए पूरे एक साल हो गए। संसद में पारित इस कानून के जरिए केंद्र सरकार ने तीन तलाक की पीड़ित महिलाओं की शिकायत पर मुकदमा दर्ज कर उन्हें न्याय दिलाने के लिए अफसरों को आवश्यक निर्देश भी दिया है। इसके बाद भी महिलाओं को इंसाफ नहीं मिल पा रहा है। कानून लागू होने के बाद जिले में तीन तलाक का दो मुकदमा लिखा गया है। महिलाओं का कहना है कि उनके पति उन्हें प्रताड़ित करने के बाद फोन पर ही तीन तलाक भी दे चुके हैं। शिकायत के बाद भी उन्हें इंसाफ नहीं मिल रहा है।
30 जुलाई 2019 को संसद से तीन तलाक को अवैध ठहराने वाला अध्यादेश पारित होने के बाद पीड़ित महिलाओं ने काफी राहत महसूस की थी। उनमें आस जगी थी कि अब उन्हें ससुरालियों की ज्यादती के खिलाफ इंसाफ मिलेगा। मगर सच यह है कि कानून लागू होने के बाद भी इस कुप्रथा के जरिए महिलाओं पर उत्पीड़न हो रहा है। पिछले साल कानून लागू होने के बाद अब तक पुलिस ने तीन तलाक से जुड़े दो मुकदमे दर्ज किए। पहला फतेहुपर जनपद के सुल्तानपुर घोष थाना क्षेत्र के दरोगा जी चक गांव निवासी ननमीन बानो पुत्री असलम ने सात दिसंबर 2019 को कड़ा थाना में दर्ज कराया था। दूसरा मुकदमा खोराजू गांव निवासी शहजादी पुत्री रियाजुल ने 24 फरवरी 2020 को दर्ज कराया है। कई महिलाएं तीन तलाक का मुकदमा दर्ज कराने के लिए थानों का चक्कर काट रही हैं लेकिन मुकदमा नहीं दर्ज किया गया जा रहा है। सीओ और एसपी कार्यालय में अक्सर ऐसे प्रार्थनापत्र पहुंच रहे हैं। हालांकि इन प्रार्थनापत्रों का सटीक आंकड़ा एसपी कार्यालय में नहीं है। कार्यालय से बताया गया कि प्रार्थनापत्रों की जांच थानों से हो रही है। इस संबंध में पुलिस अधीक्षक अभिनंदन का कहना है। जो महिलाओं तीन तलाक से पीड़ित हैं वह शिकायत करें। मामले की जांच कराकर मुकदमा जरूर दर्ज कराया जाएगा।
पहला मुकदमा जांच में कर दिया खत्म
कानून लागू होने के बाद पहला सात दिसंबर 2019 को कड़ा धाम थाने में पहला मुकदमा लिखाने वाली कैसी कड़ा गांव निवासी ननमीन बानो पुत्री असलम ने बताया कि उसकी शादी औसी गांव निवासी रहमान के साथ हुई थी। पति बाहर रहता था। दहेज के लिए ससुराल पक्ष के लोग आए दिन मारते-पीटते थे। फिर पति ने फोन पर तीन तीन तलाक दे दिया था। थाना व पुलिस अधिकारियों से शिकायत करने के बाद मुकदमा दर्ज हुआ। जांच के दौरान पुलिस ने फाइनल रिपोर्ट लगा दी यानी पुलिस को जांच में आरोप सही नहीं मिला। पीड़िता ननमीन मायके में रहती है। उसका कहना है कि पुलिस ने सही जांच नहीं की। उसे अब तक न्याय नहीं मिला।