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तिल्हापुर मोड़ बाजार और गांव में सांस लेना भी मुश्किल

नेवादा विकास खंड के तिल्हापुर मोड बाजार में सफाई के अभाव में नालियां गंदगी से बजबजा रही हैं। गांव की सभी नालियां कचरे से पटी है। नवंबर से सफाई कर्मचारी के नहीं आने से समस्या और गंभीर हो गई है। बदबू से सांस लेना भी दूभर होता जा रहा है।

By JagranEdited By: Published: Fri, 31 Jul 2020 11:19 PM (IST)Updated: Sat, 01 Aug 2020 06:06 AM (IST)
तिल्हापुर मोड़ बाजार और गांव में सांस लेना भी मुश्किल
तिल्हापुर मोड़ बाजार और गांव में सांस लेना भी मुश्किल

कौशांबी : नेवादा विकास खंड के तिल्हापुर मोड बाजार में सफाई के अभाव में नालियां गंदगी से बजबजा रही हैं। गांव की सभी नालियां कचरे से पटी है। नवंबर से सफाई कर्मचारी के नहीं आने से समस्या और गंभीर हो गई है। गंदा पानी लोगों के घरों में घुसने लगा है। बदबू से सांस लेना भी दूभर होता जा रहा है। लोगों ने कई बार शिकायत की मगर अफसर बेफिक्र हैं।

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बारिश में जल जमाव की स्थिति न बने और संचारी रोगों पर भी नियंत्रण किया जा सके, इसके लिए गांव तथा कस्बे में सफाई अभियान चलाया जा रहा है, लेकिन करीब छह से अधिक का समय बीत जाने के बाद भी गंदगी की समस्या से जुझ रहे तिल्हापुर मोड़ व गांव की सफाई अब तक नहीं हुई। चोक नाली और बारिश में जल भराव की समस्या से लोग परेशान हैं।

गांव के सुधीर, हामिद, रामू, विजय साहू, अमर सिंह, रवि केसरवानी आदि ने बताया कि तिल्हापुर मोड़ कस्बे में ज्यादातर व्यापारी बसे हैं। सुविधा के लिए सड़क व रास्तों के किनारे नाली बनाई गई है, जो सफाई कर्मचारी के न आने से चोक हो चुकी है। नालियों में खर पतवार उग आए हैं। गांव का भी यही हाल है। जगह-जगह कूड़े के ढेर हैं। दुर्गध से लोग परेशान रहते हैं। मच्छरों का प्रकोप भी बढ़ा है। अब संक्रामक बीमारी फैलने का भी खतरा है। ग्रामीणों ने प्रधान व सचिव से शिकायत की, लेकिन अब तक इस और किसी ने ध्यान नहीं दिया।

इस पर शिवलोचन पटेल का कहना है कि गांव के चारों ओर गंदगी का अंबार लगा है। नालियों व रास्ते पर काफी घास उगी है। इसमें मच्छर पनपते हैं। बीमारी का डर भी बना रहता है।

पंकज केसरवानी ने कहा कि छह माह से अधिक का समय बीत गया पर सफाई कर्मचारी अब तक गांव नहीं आया। गंदगी से अब लोग परेशान हो रहे हैं। यही हाल रहा तो लोगों का घर के अंदर रहना दूभर होगा।

सिद्धार्थ मिश्रा के मुताबिक गांव के रास्ते पर बड़ी -बड़ी घास उगी है। साथ ही नालियों का दूषित पानी रास्ते पर भरा रहता है। बारिश में कई रास्ते जलमग्न रहते हैं। बारिश का पानी लोगों के घरों में घुस रहा है।

रमेश चंद्र ने कहा कि कई जगह नालियां और उस पर लगी चट्टिंयां टूट गई। आवाजाही में बहुत दिक्कत होती है। इसकी शिकायत कई बार ग्रामीणों ने ग्राम प्रधान व सचिव से की मगर समस्या से निजात नहीं मिली।


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