कुपोषितों के आहार पर कुंडली मारकर बैठे कोटेदार, आंगनबाड़ी संघ अध्यक्ष व संरक्षण ने डीएम से की शिकायत
कुपोषित बचों व गर्भवती महिलाओं के स्वास्थ्य को लेकर सरकार भले ही करोड़ों रुपये खर्च कर रही हो लेकिन जनपद के कोटेदारों ने शासन की इस मंशा पर बट्टा लगाना शुरू कर दिया है। आंगनबाड़ी केंद्र में कुपोषित बचों व गर्भवती महिलाओं को मिलने वाला गेहूं व चावल अधिकांश कोटेदार नहीं दे रहे हैं। जून माह से राशन न मिलने से नाराज आंगनबाड़ी संघ के अध्यक्ष व संरक्षण ने इसकी शिकायत जिलाधिकारी से की है।
कौशांबी। कुपोषित बच्चों व गर्भवती महिलाओं के स्वास्थ्य को लेकर सरकार भले ही करोड़ों रुपये खर्च कर रही हो, लेकिन जनपद के कोटेदारों ने शासन की इस मंशा पर बट्टा लगाना शुरू कर दिया है। आंगनबाड़ी केंद्र में कुपोषित बच्चों व गर्भवती महिलाओं को मिलने वाला गेहूं व चावल अधिकांश कोटेदार नहीं दे रहे हैं। जून माह से राशन न मिलने से नाराज आंगनबाड़ी संघ के अध्यक्ष व संरक्षण ने इसकी शिकायत जिलाधिकारी से की है।
कुपोषण की गंभीर समस्या को मात देने के लिए आंगनबाड़ी केंद्र के लाभार्थियों को अनुपूरक राशन वितरण योजना चलाई जा रही है। मौजूदा समय में ड्राई राशन वितरण योजना के नाम से इसका संचालन किया जा रहा है। जनपद में 1772 आंगनबाड़ी केंद्र हैं। वहीं सरकारी सस्ते गल्ले की दुकानों की संख्या लगभग साढ़े चार सौ है। शासन का आदेश है कि आंगनबाड़ी केंद्र में पंजीकृत कुपोषित बच्चों, धात्री व गर्भवती महिलाओं को चावल और गेहूं दिया जाएगा। योजना में आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के साथ कोटेदारों और स्वयं सहायता समूह को भी शामिल किया गया है। योजना की गाइड लाइन के अनुसार कोटेदारों का काम गोदाम से गेहूं व चावल का उठान करके अगले ही दिन आंगनबाड़ी कार्यकर्ता को प्राप्त करा देना है, लेकिन जमीनी हकीकत यह है की गोदाम से राशन ले जाने के बाद कोटेदारों ने आंगनबाड़ी का राशन अपने कब्जे में रख लिया है। इतना ही नहीं, आंगनबाड़ी के लाभार्थी यदि राशन के लिए आंगनबाड़ी केंद्र से मिली पर्ची लेकर जाते हैं तो उन्हें भी बहाने बनाकर उल्टे पांव लौटा दिया जाता है। एक दो केंद्र नहीं, अधिकांश जगहों पर यही हालत है। बीते दिनों महिला आंगनबाड़ी कर्मचारी संघ के संरक्षक अमित सिंह व प्रदेश कार्यवाहक अध्यक्ष माया सिंह ने डीएम समेत अन्य अधिकारियों को ज्ञापन देकर कोटेदार व स्वयं सहायता समूह की गड़बडि़यों को लेकर शिकायत की थी। इसके बाद भी स्थिति में सुधार नहीं हो सका। जिले के 1772 केंद्रों में लगभग यही हाल है। सबसे खराब हाल मूरतगंज व सरसवां ब्लाक की हैं। डीएसओ अमित कुमार तिवारी का कहना है कि शासन की ओर से नई गाइड लाइन आई है। जिसमें कोटेदारों को ही राशन का वितरण करना है। आंगनबाड़ी कार्यकर्ता केवल एक टोकन देंगी। कोटेदारों की ओर से राशन वितरण किया जा रहा है। किसी दुकान से समस्या हो रही हो तो शिकायत करें, कार्रवाई होगी।