इमरजेंसी में नहीं थे डॉक्टर, दो घंटे तक तड़पता रहा घायल
कोरोना के इलाज के साथ सरकारी अस्पतालों में पहुंचने वाले मरीजों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध कराई जाए। इसके लिए मुख्यमंत्री ने जिला प्रशासन व स्वास्थ्य विभाग को आवश्यक निर्देश दिया है। इसके बाद जिले की कुछ अस्पतालों से मरीजों को आपेक्षित सुविधाएं नहीं मिल पा रही हैं। मंगलवार को सीएचसी सिराथू में इलाज कराने के लिए तड़पता रहा। दो घंटे बाद उसका इलाज किया गया।
संसू सिराथू : कोरोना के इलाज के साथ सरकारी अस्पतालों में पहुंचने वाले मरीजों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध कराई जाए। इसके लिए मुख्यमंत्री ने जिला प्रशासन व स्वास्थ्य विभाग को आवश्यक निर्देश दिया है। इसके बाद जिले की कुछ अस्पतालों से मरीजों को आपेक्षित सुविधाएं नहीं मिल पा रही हैं। मंगलवार को सीएचसी सिराथू में इलाज कराने के लिए तड़पता रहा। दो घंटे बाद उसका इलाज किया गया।
सैनी कोतवाली क्षेत्र अटसराय चौराहे के पास मंगलवार की दोपहर वाहन की टक्कर से सड़क पर घूम रहा एक विक्षिप्त युवक जख्मी हो गया। स्थानीय लोगों की सूचना पर एंबुलेंस पहुंची। स्वास्थ्य कर्मी विक्षिप्त को इलाज के लिए सिराथू सीएचसी ले गए। वहां उसे स्ट्रेचर पर लिटाया गया। गंभीर चोट लगने के कारण वह दर्द से कराह रहा था, लेकिन अस्पताल में मौजूद स्वास्थ्य कर्मियों का दिल नही पसीजा। सीएचसी सिराथू की इमरजेंसी में कोई डॉक्टर मौजूद नहीं थे। नियुक्त फार्मासिस्ट ही इमरजेंसी में पहुंचे मरीजों का इलाज कर रहा था, लेकिन पुलिस के इंतजार में विक्षिप्त इलाज करना मुनासिब नहीं समझा। सीएचसी अधीक्षक डॉ. हेमंत विसेन दो घंटे बाद पहुंच कर प्राथमिक उपचार कराकर जिला अस्पताल भेज दिया। इस संबंध में सीएमओ डॉ. पीएन चतुर्वेदी का कहना है कि यदि इमरजेंसी में डॉक्टर नहीं थे। तो मामला गंभीर है। पूरे प्रकरण की जांच कराकर जिम्मेदारों पर कार्रवाई की जाएगी।