Move to Jagran APP

टीम बालिका हर बच्चे को दिलाए प्राथमिक शिक्षा

प्राथमिक शिक्षा प्रत्येक मनुष्य के जीवन को सुचारू रूप से चलाने के लिए महत्वपूर्ण है। समाज सेवी संस्था एजुकेट ग‌र्ल्स ने छह से 14 साल के प्रत्येक बच्चे को विद्यालय पहुंचाने का लक्ष्य निर्धारित कर कार्य शुरू कर दिया है। इसके लिए संस्था की टीम तैयार हो रही है। बुधवार को टेंवा में टीम में शामिल सदस्यों को प्रशिक्षण दिया गया।

By JagranEdited By: Published: Wed, 25 Nov 2020 11:12 PM (IST)Updated: Wed, 25 Nov 2020 11:12 PM (IST)
टीम बालिका हर बच्चे को दिलाए प्राथमिक शिक्षा
टीम बालिका हर बच्चे को दिलाए प्राथमिक शिक्षा

कौशांबी : प्राथमिक शिक्षा प्रत्येक मनुष्य के जीवन को सुचारू रूप से चलाने के लिए महत्वपूर्ण है। समाज सेवी संस्था एजुकेट ग‌र्ल्स ने छह से 14 साल के प्रत्येक बच्चे को विद्यालय पहुंचाने का लक्ष्य निर्धारित कर कार्य शुरू कर दिया है। इसके लिए संस्था की टीम तैयार हो रही है। बुधवार को टेंवा में टीम में शामिल सदस्यों को प्रशिक्षण दिया गया।

loksabha election banner

एजुकेट ग‌र्ल्स संस्था के ब्लाक अधिकारी जय त्रिपाठी व सहायक कार्यक्रम अधिकारी मोहित द्विवेदी ने बालिकाओं की टीम को प्रशिक्षण देते हुए कहा कि संस्था बालक और बालिकाओं को प्राथमिक शिक्षा दिलाने को लेकर प्रयास कर रही है। उसका उद्देश्य है कि देश का हर बच्चा कम से कम प्राथमिक शिक्षा जरूर हासिल करें। इसके लिए समुदाय आधारित शिक्षण का कार्यक्रम तैयार किया गया है। सभी सदस्यों को इसका प्रशिक्षण भी दिया जा रहा है। प्रशिक्षित सदस्य गांव-गांव जाकर प्रदेश सरकार के मिशन प्रेरणा अभियान में तेजी लाने का प्रयास करेंगे। शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए लोगों को प्रेरित करेंगे। प्रशिक्षण कार्यक्रम के दौरान मंझनपुर फील्ड कोआर्डिनेटर आशीष द्विवेदी, ब्रह्मदेव, अदीबा, सोनम, गुलाब, रामप्रसाद, जयप्रकाश, अमित, मोहनलाल, सोनम आदि मौजूद रहे। मीना मेला में महिलाओं ने की खरीदारी

भरवारी : नगर पालिका भरवारी के नया बाजार में आयोजित दो दिवसीय मेला के स्थगन के बाद भी दूसरे दिन बुधवार को महिलाओं का मीना मेला लग गया। इस दौरान महिलाओं ने जोश-खरोश के साथ खरीदारी की। इस दौरान कोखराज थाना के प्रभारी निरीक्षक बलराम सिंह व चौकी प्रभारी भरवारी योगेश तिवारी सुरक्षा व्यवस्था के लिहाज से दो दिवसीय मेला का आयोजन होता रहा।

कोरोना संक्रमण के कारण केवल रावण वध व भरत मिलाप का आयोजन किया गया था लेकिन दूसरे दिन धीरे-धीरे दुकानों की संख्या बढ़ती गयी तथा मीना मेला के रूप में दुकानें सज गईं, जिसमें महिलाओं ने जमकर खरीददारी की। वैसे इस दौरान हर वर्ष की भांति न तो कलात्मक चौकियां निकली और न ही दंगल का आयोजन किया गया। मीना मेला में भीड़ को हटाने के लिए पुलिस लोगों को समझाती रही।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.