बोर्ड परीक्षा के नाम पर स्कूल नहीं छोड़ सकेंगे शिक्षक
परिषदीय स्कूलों के शिक्षकों की बोर्ड परीक्षा में ड्यूटी लगाने पर मनमानी करते थे। स्कूल से
परिषदीय स्कूलों के शिक्षकों की बोर्ड परीक्षा में ड्यूटी लगाने पर मनमानी करते थे। स्कूल से बोर्ड परीक्षा के नाम पर रिलीव होते थे और न तो परीक्षा केंद्र पर आते थे और न ही वह स्कूल में होते थे। उनकी मनमानी पर अब विभाग ने अंकुश लगा दिया है। शिक्षकों की तैनात कक्ष निरीक्षक के रूप में न होने पर उन्हें विद्यालय जाना होगा। इसके लेकर बीएसए ने निर्देश जारी किया है।
हाईस्कूल और इंटरमीडिएट के छात्रों की बोर्ड परीक्षा 18 फरवरी से शुरू हो रही है। इसके लिए जिले में 78 परीक्षा केंद्र बनाएं गए है। कक्षा निरीक्षक के रूप में परिषदीय स्कूलों के करीब 1355 शिक्षक तैनात किया जाना है। इसमें 827 पुरुष व 528 महिला शिक्षक शामिल हैं। आमतौर पर जिस दिन मुख्य विषयों की परीक्षा के दिन सबसे अधिक छात्र संख्या विद्यालयों में होती थी। जबकि अन्य दिनों में कम ही छात्र होते थे। ऐसे में कक्ष निरीक्षकों की संख्या घटती बढ़ती थी। इसलिए परिषदीय स्कूल के शिक्षकों की ड्यूटी कक्ष निरीक्षक के रूप में नहीं लगाई जाती थी। इसके बाद वह शिक्षक विद्यालय नहीं जाते थे। इस मनमानी पर इस बार रोक लगाई गई है।
एडी बेसिक के निर्देश पर बीएसए ने सभी शिक्षकों के लिए निर्देश दिया है कि कक्ष निरीक्षक के रूप में ड्यूटी न लगने पर वह अपने विद्यालय आएं और शिक्षण कार्य करें। उन्होंने कहा कि जिन शिक्षकों को निर्देश का पालन न करते हुए पाया गया। उनके खिलाफ कार्रवाई होगी।