आइटीआइ अनुदेशकों की लापरवाही से परीक्षा नहीं दे पाया विद्यार्थी
आइटीआइ प्रशिक्षण लेने वाला एक विद्यार्थी दो साल से परीक्षा से वंचित हो रहा है। प्रशिक्षकों की लापरवाही से परेशान विद्यार्थी को मंझनपुर संस्थान से उचित जानकारी नहीं मिल रही।
जासं, कौशांबी : आइटीआइ प्रशिक्षण लेने वाला एक विद्यार्थी दो साल से परीक्षा से वंचित हो रहा है। प्रशिक्षकों की लापरवाही से परेशान विद्यार्थी को मंझनपुर संस्थान से उचित जानकारी नहीं मिल रही।
मंझनपुर निवासी कोमल ने आइटीआइ में वर्ष 2018 में प्रवेश लिया है। वह लगातार मंझनपुर आइटीआइ संस्थान में पहुंचकर प्रशिक्षण भी ले रहा है। पहले वर्ष उनसे परीक्षा दी ओर परिणाम बेहतर रहा। दूसरे साल उनका शुल्क एक प्रशिक्षक ने ले लिया। जिसे ऑनलाइन जमा नहीं किया गया। ऐसे में परीक्षा से वंचित हो गया। इसकी जानकारी होने पर उसने नाराजगी जताई। इस पर उसका शुल्क जमा करने के स्थान पर प्रशिक्षक ने उसके भगा दिया। उसने किसी तरह दोबारा फीस का इन्तजाम किया और खुद की शुल्क जमा कर दिया। अब बारी परीक्षा की आई तो वह नियमित संस्थान में जाकर जानकारी लेता रहा। आरोप है कि परीक्षा की जिम्मेदारी प्रशिक्षक ध्रुव सिंह को मिली है। वह 25 मार्च के बाद से संस्थान ही नहीं आए। ऐसे में कोमल को परीक्षा से जुड़ी जानकारी नहीं मिली। कुछ दिनों पहले कोमल को ऑनलाइन प्रवेश पत्र मिलने की जानकारी उसके मित्रों के माध्यम से मिली तो उसने 17 अप्रैल को प्रवेश पत्र नेट से डाउनलोड किया। जैसे ही प्रवेश पत्र मिला वह परेशान हो गया। उनकी परीक्षा 12 अप्रैल को हो चुकी थी। अब इसको लेकर कोमल लगातार संस्थान से संपर्क कर रहा है। जबकि ध्रुव सिंह संस्थान में नहीं आ रहे। अन्य कर्मचारी प्रवेश पत्र में छपी तिथि को गलत बता रहे हैं। कोमल भी भयभीत है कि कही ऐसा न हो कि वह दोबारा फिर परीक्षा न दे सके। उसने इसकी शिकायत अधिकारियों से करने की बात कही है। बताया कि उसको इस बार परीक्षा देना था। यही हाल रहा तो वह फिर से परीक्षा नहीं दे सकेगा। ऐसे में उनके प्रशिक्षण लेने का उद्देश्य ही खत्म हो जाएगा।
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बीते वर्ष फीस जमा न होने से कोमल परीक्षा में शामिल नहीं हो सका। इस बाद उनको देरी से प्रवेश पत्र मिला है। जो परीक्षा छूटी है वह दोबारा हो जाएगी। इसके लिए परेशान होने की जरूरत नहीं है। वह इन दिनों अवकाश पर है। इस कारण थोड़ी समस्या हुई है।
- ध्रुव सिंह, परीक्षा प्रभारी आइटीआइ मंझनपुर