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बहनों ने की भाई को तिलक लगाकर दीर्घायु की कामना

जासं, कौशांबी : जिलेभर में शुक्रवार को शुभ मुहूर्त में बहनों ने भाइयों के माथे पर तिलक लगाकर उनकी दीघायु की कामना की। ¨हदू धर्म में भैया दूज का विशेष महत्व है। इस पर्व को यम द्वितीया भी कहा जाता है।

By JagranEdited By: Published: Fri, 09 Nov 2018 07:46 PM (IST)Updated: Fri, 09 Nov 2018 07:46 PM (IST)
बहनों ने की भाई को तिलक लगाकर दीर्घायु की कामना
बहनों ने की भाई को तिलक लगाकर दीर्घायु की कामना

जासं, कौशांबी : जिलेभर में शुक्रवार को शुभ मुहूर्त में बहनों ने भाइयों के माथे पर तिलक लगाकर उनकी दीघायु की कामना की। ¨हदू धर्म में भैया दूज का विशेष महत्व है। इस पर्व को यम द्वितीया भी कहा जाता है।

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पौराणिक कथा के अनुसार सूर्य भगवान की पत्नी का नाम छाया था। उनकी कोख से यमराज और यमुना का जन्म हुआ था। यमुना अपने भाई यमराज से बड़ा स्नेह करती थीं। वे उससे बराबर निवेदन करती कि घर आकर भोजन करो। अपने कार्य में व्यस्त यमराज बात को टालते रहे। यमुना ने कार्तिक शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि के दिन फिर यमराज को भोजन के लिए निमंत्रण देकर, घर आने के लिए वचनबद्ध कर लिया। तभी से भैया दूज या यम द्वितीया का त्योहार मनाने की परंपरा शुरू हुई। रक्षाबंधन के बाद भैया दूज दूसरा ऐसा त्योहार है जिसे भाई-बहन बेहद उत्साह के साथ मनाते हैं। भाई दूज के मौके पर बहन अपने भाई की लंबी आयु के लिए प्रार्थना की। मान्यता है कि भाई दूज के दिन अगर भाई-बहन यमुना किनारे बैठकर साथ में भोजन करें तो यह अत्यंत मंगलकारी है। इस दिन मृत्यु के यम की पूजा का भी विधान है। इस दिन भाइयों को चावल खिलाना अच्छा माना जाता है। इस त्योहार का संदेश यही है कि भाई-बहन के बीच प्यार हमेशा बना रहे।


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