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मनरेगा में 2.86 करोड़ रुपये की दिहाड़ी कुंडली

अरुण मिश्र पुरखास कौशांबी मनरेगा योजना के तहत गांव के गरीब मजदूरों को काम दिया जाता है। नियमानुसार 14 दिन के अंदर मस्टर रोल जमा कर मजदूरी भुगतान डोंगल लगाकर बैंक के खाते में भेज देना है लेकिन मस्टर रोल समय से नहीं भेजा जाता है। इस लापरवाही से मजदूरों का समय से भुगतान नहीं हो पा रहा जिससे करोड़ों के लंबित से मजदूरों को परेशानी हो रही है।

By JagranEdited By: Published: Mon, 25 Mar 2019 07:56 AM (IST)Updated: Mon, 25 Mar 2019 07:56 AM (IST)
मनरेगा में 2.86 करोड़ रुपये की दिहाड़ी कुंडली
मनरेगा में 2.86 करोड़ रुपये की दिहाड़ी कुंडली

अरुण मिश्र, पुरखास, कौशांबी : मनरेगा योजना के तहत गांव के गरीब मजदूरों को काम दिया जाता है। नियमानुसार 14 दिन के अंदर मस्टर रोल जमा कर मजदूरी भुगतान डोंगल लगाकर बैंक के खाते में भेज देना है, लेकिन मस्टर रोल समय से नहीं भेजा जाता है। इस लापरवाही से मजदूरों का समय से भुगतान नहीं हो पा रहा जिससे करोड़ों के लंबित से मजदूरों को परेशानी हो रही है।

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जनपद के विभागीय आंकड़ों को देखा जाए तो वित्तीय वर्ष 2018-19 में कुल 138751 मजदूरों को रोजगार देने के लिए 24.45 करोड़ रुपये मनरेगा से खर्च किया गया है। जिसके सापेक्ष 16808 मजदूरों का 2.86 करोड़ रुपये भुगतान नहीं किया गया। मनरेगा कार्य को सुचारू रूप से चलाने के लिए नियुक्त अतिरिक्त कार्यक्रम अधिकारी, रोजगार सेवक, तकनीकी सहायक आदि संविदा कर्मियों को भी इसी मद से भुगतान किया जाता है। जिम्मेदारों के लापरवाही के कारण मजदूरों के साथ साथ संविदा कर्मियों को भी परेशानी उठानी पड़ रही है। मनरेगा कार्यो के लिए नहीं मिलते हैं मजदूर

मनरेगा में काम करने वाले मजदूर भोला, छेदीलाल, मोती, रामदुलारे, कल्लू, रामआसरे, शांति, फुलवा, सुनती, और धुरपति देवी ने बताया कि पहले 15 दिनों उनकी मजदूरी बैंक के खातों में आ जाती थी। अब तीन तीन महीना बीत जाते हैं, लेकिन मजदूरी नहीं मिलती है। पैसे न होने से किसी तरह उधारी लेकर काम चला रहे हैं। भुगतान न होने से संविदा कर्मी भी हो रहे चिंतित

मनरेगा कार्यो को सुचारू रूप से संपादित कराने के लिए अतिरिक्त कार्यक्रम अधिकारी, तकनीकी सहायक सहित रोजगार सेवकों की संविदा पर नियुक्ति की जिन्हें ग्राम पंचायत स्तर पर मनरेगा से किए कार्यो के भुगतान का चार प्रतिशत और विकास खंड स्तर पर एक प्रतिशत काट कर इनका मानदेय दिया जाता है। भुगतान विलंबित होने से संविदा कर्मियों का मानदेय नहीं मिलता है। ब्लाक मजदूरों की संख्या बकाया लाख में

चायल 2376 39.3

कड़ा 1989 34.35

कौशांबी 2196 43.86

मंझनपुर 1111 18.45

मूरतगंज 1771 20.97

नेवादा 3721 47.95

सरसवां 178 3.83

सिराथू 4066 77.86


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