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रजबहों में रहता है पानी आने का इंतजार

विकास खंड सिराथू ब्लाक क्षेत्र के एक तिहाई भूभाग को सिंचित करने के लिए फतेहपुर जनपद से मुख्य नहर करारी माइनर निकाली गई है। हर खेत में पानी पहुंचाने के लिए छोटी नहरें हैं लेकिन रजबहे के टेल तक नहर का पानी नहीं पहुंच पाता है। इससे किसानों की फसल सूख जाती है। मजबूरी में उन्हें निजी संसाधनों से सिंचाई करनी पड़ती है जो उनकी उत्पादन लागत को बढ़ा देती है।

By JagranEdited By: Published: Sat, 31 Oct 2020 05:02 AM (IST)Updated: Sat, 31 Oct 2020 05:02 AM (IST)
रजबहों में रहता है पानी आने का इंतजार
रजबहों में रहता है पानी आने का इंतजार

सिराथू : विकास खंड सिराथू ब्लाक क्षेत्र के एक तिहाई भूभाग को सिंचित करने के लिए फतेहपुर जनपद से मुख्य नहर करारी माइनर निकाली गई है। हर खेत में पानी पहुंचाने के लिए छोटी नहरें हैं, लेकिन रजबहे के टेल तक नहर का पानी नहीं पहुंच पाता है। इससे किसानों की फसल सूख जाती है। मजबूरी में उन्हें निजी संसाधनों से सिंचाई करनी पड़ती है, जो उनकी उत्पादन लागत को बढ़ा देती है।

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फतेहपुर जनपद के भीमपुर गांव के यमुनाघाट पास से निकली करारी माइनर 46 किलोमीटर में फैली है। सिचाई व्यवस्था के लिए दस रजबहे निकाले गए हैं। पाइंसा माइनर, मलकिया माइनर, गंदानाला, कैमा माइनर, तुलसीपुर माइनर इसमें शामिल है। भूभाग को सिचित करने के लिए निकली बड़ी नहर में तो पानी आता है, लेकिन इसे निकले रजबहों के टेल तक कभी पानी नहीं पहुंच पाता है। ससुर खदेरी नदी पर किसानों के सिचाई के लिए रामपुर धामावं व अन्य कई जगह चेक डैम बने हैं, लेकिन इनमें पानी रुकता नहीं है। किसानों की फसल की सिंचाई नहीं हो पाती है। किसान ज्ञान सिंह, सोहन लाल सिंह, लक्ष्मी, अशोक कुमार आदि लोगों ने बताया कि क्षेत्र में किसानों को फसल सिचाई के लिए नहर के अलावा राजकीय नलकूप व निजी नलकूपों का सहारा लेना पड़ता है। ब्लॉक क्षेत्र में सरकारी नलकूप की संख्या बहुत कम है। जिसकी वजह से निजी नलकूपों से सिचाई करनी पड़ती है। क्षेत्रों के लिए निकली छोटी नहरों की सिल्ट सफाई हर बार होती है, लेकिन पानी नहीं पहुंच पाता है।

क्या कहते हैं किसान

करारी माइनर में समय से पानी नहीं आता है। इस लिए किसान इस नहर का भरोसा नहीं करता है। वह अपने निजी साधन से ही सिचाई कर लेता है। नहर में पानी आने लगे तो किसान को काफी राहत मिल जाए।

-सोहन सिंह क्षेत्र में बड़ी नहर से रजबहे तो निकले गए हैं, लेकिन उनमें पानी नहीं आता है। जबतक रजबहों से पानी नहीं मिलेगा, किसान को कोई लाभ नहीं होगा। इनसे केवल विभागीय अधिकारियों का ही हित होगा।

-लक्ष्मी मौर्य उदिहिन गांव के पास से निकली मलकिया माइनर में पानी ही नहीं आता है। माइनर की हालत यह है कि अब वह नहर कम और नाली अधिक लग रही है। विभाग भी इसे भूल गया है।

-नंदलाल किसानों की सिचाई के लिए ससुर खदेरी नदी में भी रामपुर धमावां समेत अन्य कई स्थानों पर चेकडैम बने हैं, लेकिन इन चेकडैमों की हालत खराब है। अब केवल नदी में बारिश का पानी रहता है।

-दिनेश कुमार कुशवाहा अधिकारी के बोल..

नहरों की सिल्ट सफाई का काम चल रहा है। इसके मद्देनजर पानी की आपूर्ति बंद कराई गई है। जल्द ही मुख्य नहर व रजबहों की सिल्ट सफाई का कार्य पूरा कर मुख्य नहर समेत छोटे रजबहों में पानी छोड़ा जाएगा।

-जगदीश लाल, सिचाई खंड कौशांबी


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