गरीबों के हक का 20 लाख हजम कर गए रईसजादे
सरकार भले ही गरीबों को प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत पक्का मकान देने की मुहिम में लगी हुई है। लेकिन सभी जरूरतमंद लोगों को उनका घर नहीं मिल पा रहा है। भ्रष्टाचार रोड़ा बनकर खड़ा हो जाता है। प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत पिछले तीन वर्ष में 116 अपात्रों को प्रथम किश्त के रूप में 40-40 हजार रुपये दिए गए। सत्यापन में पाया गया कि जिन्हें योजना को लाभ दिया गया है उनके पास पहले से ही पक्की छत व मोटर गाड़ियां हैं।
कौशांबी : सरकार भले ही गरीबों को प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत पक्का मकान देने की मुहिम में लगी हुई है। लेकिन सभी जरूरतमंद लोगों को उनका घर नहीं मिल पा रहा है। भ्रष्टाचार रोड़ा बनकर खड़ा हो जाता है। प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत पिछले तीन वर्ष में 116 अपात्रों को प्रथम किश्त के रूप में 40-40 हजार रुपये दिए गए। सत्यापन में पाया गया कि जिन्हें योजना को लाभ दिया गया है, उनके पास पहले से ही पक्की छत व मोटर गाड़ियां हैं। नोटिस देने के बाद 66 लोगों ने धनराशि को पुन: सरकारी खजाने में जमा कर दिया। 50 अपात्र गरीबों के हक का 20 लाख हजम कर गए। प्रशासन सख्ती नहीं कर रहा है, इसलिए वह लोग धनराशि वापस नहीं लौटा रहे हैं।
प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत सरकार ने 2021 तक सभी गरीबों को पक्का आवास देने का लक्ष्य है। वर्ष 2011 में कराई गई सामाजिक आर्थिक जनगणना के आधार पर आवासीय सुविधा दी जा रही है। अप्रैल 2016 से मार्च 2018 तक में प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत आवासीय सुविधा देने में जमकर हेराफेरी की गई है। चायल, नेवादा व कड़ा विकास खंड की एक दर्जन से अधिक ग्राम पंचायतों में प्रधान व सचिव की मिलीभगत से 116 अपात्र लोगों ने प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ लेने के लिए संस्तुति कर दी गई। प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ ऐसे व्यक्तियों को दे दिया, जिनके पास पहले से पक्की छत व मोटर गाड़ियां हैं। प्रथम किश्त के रूप में आवास बनाने के लिए 40-40 हजार रुपये उनके खाते में डाल दिए गए। शिकायत के आधार पर जांच कराई तो अपात्रों की पुष्टि हुई। आला अधिकारियों ने दूसरी किश्त पर प्रतिबंध लगा दिया। अपात्रों को दी गई धनराशि को वसूलने के लिए पूर्व में डीआरडीए के परियोजना निदेशक ने खंड विकास अधिकारियों को नोटिस दिया। बीडीओ व ग्राम पंचायत अधिकारियों की पहल पर 66 लोगों ने सरकारी धन को जमा किया। अब भी 50 लोगों ने दी गई धनराशि को वापस नहीं किया। वह 20 लाख रुपये कुंडली जमाए हुए बैठे हैं। कर्मचारियों को बचा रहे अधिकारी
प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत लाभार्थियों के चयन में वर्ष 2016-18 में प्रधान व ग्राम विकास अधिकारियों ने काफी गड़बड़ी की है। शिकायत के बाद जब खंड विकास अधिकारियों ने जांच कराई तो स्पष्ट हुआ कि जिन लोगों को आवास बनाने के लिए धन दिया गया है। उनके पास पहले से ही पक्का मकान है। ऐसे लोगों का चयन कर आवासीय सुविधा दे दी गई। जिन कर्मचारियों ने अपात्रों का चयन किया था। उनमें से कुछ कर्मचारियों पर कार्रवाई भी नहीं की गई है। उच्च अधिकारी उन्हें बचा रहे हैं। वर्जन..
प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत पूर्व में आवास आवंटन में गड़बड़ी हुई है। इसकी जानकारी समीक्षा बैठक में मिली है। अपात्रों से धनराशि की वसूली करने के लिए खंड विकास अधिकारियों को पुन: नोटिस दिया गया है। जल्द ही वसूली करके धनराशि को सरकारी खजाने में जमा किया जाएगा।
-शशिकांत त्रिपाठी, सीडीओ