कोरोना काल में रघुनाथ ने ऑनलाइन नवाचार से दी शिक्षा
वैश्विक महामारी कोरोना के समय बच्चों की पढ़ाई के लिए स्कूल बंद चल रहे थे । ऐसे में प्राथमिक विद्यालय चायल में सहायक अध्यापक के पद पर कार्यरत शिक्षक रघुनाथ द्विवेदी ने बच्चों की शिक्षा बाधित न हो इसके लिए ऑनलाइन नवाचार का प्रयोग किया। जिसके लिए 25 नवंबर को शिक्षक को कैप्टन ऑफ लॉकडाउन नवाचार के लिए दिल्ली में हुए कार्यक्रम में ऑनलाइन सम्मानित किया गया था।
संसू, टेढ़ीमोड़ : वैश्विक महामारी कोरोना के समय बच्चों की पढ़ाई के लिए स्कूल बंद चल रहे थे । ऐसे में प्राथमिक विद्यालय चायल में सहायक अध्यापक के पद पर कार्यरत शिक्षक रघुनाथ द्विवेदी ने बच्चों की शिक्षा बाधित न हो, इसके लिए ऑनलाइन नवाचार का प्रयोग किया। जिसके लिए 25 नवंबर को शिक्षक को कैप्टन ऑफ लॉकडाउन नवाचार के लिए दिल्ली में हुए कार्यक्रम में ऑनलाइन सम्मानित किया गया था।
शिक्षक ने लॉकडाउन के दौरान शिक्षा के प्रचार-प्रसार के लिए सुपर 10 अभिभावकों की एक टीम का निर्माण किया। इनके सहयोग से ऑनलाइन पठन विभाग, लेखन विभाग तथा मूल्यांकन विभाग बनाकर कार्य किया। बनाए गए अभिभावकों कप्तानों की मदद से उनके विभाग के कार्यों को गांव के अधिक से अधिक बच्चों तक पहुंचाकर उन तक शिक्षा प्रदान की गई। इस कार्य के लिए पूरे हफ्ते का शैक्षिक शेड्यूल निर्धारित किया गया। इसमें सोमवार को वीडियो के माध्यम से टीएलम निर्माण सिखाना, मंगलवार को चित्रित कहानी के माध्यम से उनका नैतिक ज्ञान बढ़ाना, बुधवार को अंग्रेजी और गणित के लेटर्स और नंबर्स की सहायता से नए-नए चित्र आसानी से बनाना व सिखाना, गुरुवार को 10 सामान्य ज्ञान के प्रश्न याद कराना, शुक्रवार पांच मीनिग्स याद कराना और शनिवार को मस्तिष्क फ्री डे ऑनलाइन कार्यक्रम कराया जाता था। कौशांबी के शिक्षक की केंद्रीय शिक्षामंत्री ने की सराहना
संसू, टेढ़ीमोड़ : विकास खंड चायल क्षेत्र के कंपोजिट विद्यालय चायल के शिक्षक रघुनाथ द्विवेदी ने एक बार फिर जनपद का नाम रोशन किया है। शून्य निवेश नवाचार में किए गए उनके अथक परिश्रम की सराहना करते हुए भारत सरकार के केंद्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल ने उन्हें पत्र लिखकर शुभकामनाएं प्रेषित की हैं। यह जानकारी अरबिदो सोसायटी के जोनल हेड रामकृष्ण मिश्र ने दी।
जनपद के एक छोटे से गांव ढोकसहा निवासी रघुनाथ द्विवेदी ने कोविड-19 के चलते ऑनलाइन शिक्षा में सराहनीय योगदान दिया था। उन्होंने शून्य निवेश नवाचार करते हुए अरबिदो सोसायटी के नेतृत्व में पूरे लॉकडाउन के दौरान अपने विद्यार्थियों व अभिभावकों से निरंतर संपर्क बनाए रखा। इसके लिए उनके नवाचारी आइडिया कैप्टन ऑफ लॉक डाउन के लिए राष्ट्रीय पुरस्कार भी मिल चुका है। उन्होंने विद्यालय को समुदाय से जोड़ते हुए अभिभावकों को सम्मानित भी किया, जिसके चलते उन्हें अभिभावकों का पूर्ण सहयोग भी मिलता है। रघुनाथ ने बताया कि उनके विद्यालय का हर शिक्षक अपने आप में नवाचारी है। सभी साथियों के सहयोग का ही परिणाम है जो उनके विद्यालय में आज 893 बच्चे नामांकित हैं। उन्हें मिलने वाले इस प्रोत्साहन संदेश से जनपद के शिक्षक साथी अत्यंत उत्साहित हैं तथा उनके गांव व परिवार के लोग भी उनकी उपलब्धि से खुश हैं। शिक्षक ने अपनी इस खुशी का श्रेय अपने बाबा अवध नारायण द्विवेदी को दिया तथा बताया कि श्री अरबिदो सोसायटी के जोनल हेड रामकृष्ण मिश्र द्वारा शिक्षा में शून्य निवेश नवाचार के लिए लगातार प्रशिक्षण मिलता रहता है, जिससे जनपद के शिक्षक लाभान्वित होते रहते हैं।