30 साल अकेले रही प्रभावती, 70 में मिला वृद्धाश्रम का 'सहारा'
पति और बच्चों की मौत के बाद एक महिला करीब 30 साल से अकेले जीवन यापन कर रही थी। 70 साल की उम्र में महिला के शरीर ने जब जवाब देना शुरू कर दिया तो उसकी मुश्किल बढ़ गई। आंखों की रोशनी की कमी और कमजोरी ने उसे तोड़ दिया। महिला का दुख-दर्द बांटने के लिए ग्राम प्रधान ने हाथ बढ़ाया। वृद्धाश्रम संचालक से संपर्क करके महिला को वहां पर पहुंचा दिया। महिला अन्य बुजुर्गे के साथ खुश है। 30 साल बाद उसे एक बार फिर अपना परिवार मिल गया है।
कौशांबी : पति और बच्चों की मौत के बाद एक महिला करीब 30 साल से अकेले जीवन यापन कर रही थी। 70 साल की उम्र में महिला के शरीर ने जब जवाब देना शुरू कर दिया तो उसकी मुश्किल बढ़ गई। आंखों की रोशनी की कमी और कमजोरी ने उसे तोड़ दिया। महिला का दुख-दर्द बांटने के लिए ग्राम प्रधान ने हाथ बढ़ाया। वृद्धाश्रम संचालक से संपर्क करके महिला को वहां पर पहुंचा दिया। महिला अन्य बुजुर्गे के साथ खुश है। 30 साल बाद उसे एक बार फिर अपना परिवार मिल गया है।
कौशांबी ब्लाक के विदाव पलटूपुर गांव निवासी प्रभावती की उम्र करीब 70 साल है। 30 साल पहले उनके पति रामबहोरी की मौत हो चुकी है। दो बेटे की बचपन में ही किसी बीमारी के चलते मौत हो चुकी है। प्रभावती के पास कोई संपत्ति नहीं है। करीब 20 साल पहले उनको एक इंदिरा आवास मिला था। वहीं रहकर महिला मेहनत मजदूरी करते हुए अपना गुजर बसर कर रही थी। बीते कुछ दिनों से महिला शारीरिक रुप से कमजोर हो गई। आय का साधन न होने से उसकी हालत भी खराब रहती थी। उम्र अधिक होने के कारण प्रभावित काम भी नहीं कर सकती और उसके पास अन्य कोई सहारा भी नहीं थी। गांव के लोग जो कुछ देते उसी में किसी प्रकार उसका गुजार हो रहा था। लकड़ी से खाना बनाने और उम्र के कारण उसकी आंखे जवाब दे रही है।
आंखों का चल रहा इलाज
वृद्धा की खराब हालत की जानकारी प्रधान विपुल सिंह को मिली तो उन्होंने वृद्धाश्रम संचालक आलोक राय से संपर्क किया। आलोक राय शनिवार शाम प्रभावती को आश्रम ले आए। वहां वह अन्य वृद्धों के साथ खुश है। आश्रम की ओर से प्रभावती का उपचार भी कराया जा रहा है। आलोक राय ने बताया कि वह लगातार लोगों से मजबूर व परेशान वृद्धों को आश्रम लाने की बात कह रहे हैं।