पुलिस की तीसरी आंख खराब, सुरक्षा पर सवाल
कौशांबी जिले की पुलिस भले ही आपराधिक गतिविधियों पर नजर रखने और अपराधियों पर शिकं
कौशांबी : जिले की पुलिस भले ही आपराधिक गतिविधियों पर नजर रखने और अपराधियों पर शिकंजा कसने का दावा करती हो, लेकिन हकीकत में वह खुद ही पूरी तरह असुरक्षित है। अधिकांश थाना व चौकियों में लगाए गए सीसीटीवी कैमरे खराब हो गए हैं। नतीजतन सुरक्षा पर सवाल खड़े हो रहे हैं। ऐसा नहीं है कि खराब कैमरों के मरम्मत के लिए जिम्मेदारों ने उच्चाधिकारियों से पत्र व्यवहार नहीं किया, लेकिन अनदेखी व लापरवाही के चलते तीसरी आंख नहीं सही कराई जा पा रही है।
अक्सर देखा गया है कि थाना व पुलिस चौकी से चंद कदम दूरी पर छोटी व बड़ी वारदातें होती रहती है। ऐसे में शासन के आदेश पर कई साल पहले सभी थाना व चौकियों में सीसी कैमरे लगाए जाने के निर्देश दिए गए थे। इसे पुलिस की तीसरी आंख मानते हुए थाना चौकी परिसर के अलावा नजदीकी प्रमुख चौराहों व बाजारों में लगाया गया था। पुलिस अपने कार्यालय में ही बैठकर कंप्यूटर के जरिए सारी गतिविधियों पर नजर रखती थी। जिले के 13 थाना व पुलिस चौकियों में सीसीटीवी कैमरे लगाए गए थे। पुलिस को भी इससे काफी राहत महसूस हुई। लेकिन करीब एक साल से सैनी कोतवाली, मूरतगंज पुलिस चौकी, सरायअकिल थाना समेत क्षेत्र के आठ स्थानों पर लगाए गए कैमरे, भरवारी चौकी व कस्बे में लगे कैमरे, पिपरी के कटहुला मोड़, भगवतपुर मोड़ आदि स्थानों लगे कैमरे खराब हो गए हैं। गौर करने वाली बात यह है कि खराब कैमरों के लिए पत्र व्यवहार कई बार थाना व चौकी के प्रभारियों से उच्चाधिकारियों से की, लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ। नतीजतन सरेराह होने वाली लूट, छिनैती व मारपीट जैसी घटनाओं में सूचना के बाद जब तक पुलिस पहुंचती है, तब तक अपराधी फरार हो चुके होते हैं। इस संबंध में पुलिस अधीक्षक राधेश्याम से बात करने का प्रयास किया गया, लेकिन सीयूजी नंबर रिसीव नहीं हुआ।
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कई थाना व चौकियों के अलावा प्रमुख स्थानों पर सीसीटीवी कैमरे खराब होने की जानकारी मिली है। बारिश के मौसम में मरम्मत के बाद भी तकनीकी समस्या आ सकती है। ऐसे में बारिश खत्म होते ही सभी कैमरों की रिपेयरिग कराई जाएगी।
- समर बहादुर, अपर पुलिस अधीक्षक।