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कागज पर प्रधानमंत्री आवास की सुविधा

जासं कौशांबी मंझनपुर तहसील के गौसपुर टिकरी गांव की एक महिला ने कभी सपने में भी नहीं सोचा था। जिम्मेदारों के साथ उसकी अनबन परेशानी का कारण बन जाएगी। आज व प्रधानमंत्री आवास योजना के लिए पात्र होने के बाद भी प्रमाणपत्र लेकर घूम रही है। करीब डेढ़ साल से दर्जनों बार शपथ पत्र आवास दिए जाने की मांग की लेकिन हर बार उसे केवल कागज पर आवास मिला और अफसरों का आदेश हवा में रह गया।

By JagranEdited By: Published: Fri, 29 Mar 2019 11:01 PM (IST)Updated: Sat, 30 Mar 2019 06:28 AM (IST)
कागज पर प्रधानमंत्री आवास की सुविधा
कागज पर प्रधानमंत्री आवास की सुविधा

जासं, कौशांबी : मंझनपुर तहसील के गौसपुर टिकरी गांव की एक महिला ने कभी सपने में भी नहीं सोचा था। जिम्मेदारों के साथ उसकी अनबन परेशानी का कारण बन जाएगी। आज व प्रधानमंत्री आवास योजना के लिए पात्र होने के बाद भी प्रमाणपत्र लेकर घूम रही है। करीब डेढ़ साल से दर्जनों बार शपथ पत्र आवास दिए जाने की मांग की लेकिन हर बार उसे केवल कागज पर आवास मिला और अफसरों का आदेश हवा में रह गया।

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प्रदेश सरकार ने 23 दिसंबर 2017 को मंझनपुर तहसील के ओसा मंडी में सरकारी योजनाओं के पात्रों को लाभ देने के लिए भव्य आयोजन किया। सांसद, विधायकों के साथ ही प्रभारी मंत्री ने अधिकारियों की मौजूदगी में प्रधानमंत्री आवास योजना, पेंशन, ऋण माफी के दायरे में आने वाले किसानों को लाभ के प्रमाणपत्र दिए। गौसपुर टिकरी निवासी आशा देवी भी इसी आस में थीं कि उनके सिर पर अब पक्की छत होगी। उन्हें भी पात्र पाते हुए आवास का प्रमाणपत्र दे दिया गया। आशा खुशी-खुशी अपने घर पहुंचीं लेकिन उसकी यह खुशियां चंद दिनों की ही थीं। गांव के अन्य लोगों के खाते में आवास निर्माण का धन आया गया, लेकिन उनके खाते में धन नहीं आया। खोजबीन के बाद पता चला कि वे तो योजना के अब अपात्र हो गई। उनने शिकायत की तो तत्कालीन परियोजना निदेशक राकेश मिश्र ने 25 अक्टूबर 2018 को रिपोर्ट दी की उनके पास पक्का भवन है। ऐसे में वे इस योजना के लिए पात्र नहीं हैं। सचिव मोहम्मद नसर ने उनकी जाति ही बदल दी। दलित के स्थान पर अधिकारियों को बताया दर्जी हैं। आशा देवी इस खेल को समझीं तो अब दोबारा जांच की मांग की है लेकिन अधिकारियों का आदेश होने बाद भी जांच शुरू नहीं हुई। - आदर्श आचार संहिता लागू है। इन दिनों इस मामले में कुछ नहीं किया जा सकता है। आचार संहिता समाप्त होने बाद ही इस मामले की जांच कराते हुए कार्रवाई की जाएगी।

- लक्ष्मण प्रसाद, परियोजना निदेशक डीआरडीए कौशांबी।

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मौके पर जाकर जांच की गई थी। जो सही मिला उसकी के अनुसार रिपोर्ट बनाई गई। अब शिकायत कर रही हैं तो उनको कोई रोक नहीं सकता।

- मोहम्मद नसर, तत्कालीन सचिव।


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