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तीसरी लहर में आक्सीजन की कमी से मरीजों की नहीं जाएगी जान

कोरोना वायरस की दूसरी लहर लोगों के लिए काफी घातक साबित हुई। इसमें लोग तेजी से संक्रमित हुए। स्वास्थ्य विभाग के पास पर्याप्त संसाधन न होने की वजह से डेढ़ माह में 68 लोगों की जान भी चली गई। जिला अस्पताल में बनाए गए कोविड एल-2 वार्ड में इलाज हो रहा था। आक्सीजन की कमी की वजह से कुछ मरीजों की जान चली गई। कोविड की दूसरी लहर से सीख लेने के बाद तीसरी लहर में संक्रमित होने वाले मरीजों के इलाज के लिए स्वास्थ्य सुविधाओं को हाईटेक किया जा रहा है। जिले में छह आक्सीजन प्लांट लगाए जा रहे हैं। जो प्रति मिनट 35000 किलो आक्सीजन का उत्पादन करेंगे।

By JagranEdited By: Published: Wed, 04 Aug 2021 10:29 PM (IST)Updated: Wed, 04 Aug 2021 10:29 PM (IST)
तीसरी लहर में आक्सीजन की कमी से मरीजों की नहीं जाएगी जान
तीसरी लहर में आक्सीजन की कमी से मरीजों की नहीं जाएगी जान

जासं, कौशांबी : कोरोना वायरस की दूसरी लहर लोगों के लिए काफी घातक साबित हुई। इसमें लोग तेजी से संक्रमित हुए। स्वास्थ्य विभाग के पास पर्याप्त संसाधन न होने की वजह से डेढ़ माह में 68 लोगों की जान भी चली गई। जिला अस्पताल में बनाए गए कोविड एल-2 वार्ड में इलाज हो रहा था। आक्सीजन की कमी की वजह से कुछ मरीजों की जान चली गई। कोविड की दूसरी लहर से सीख लेने के बाद तीसरी लहर में संक्रमित होने वाले मरीजों के इलाज के लिए स्वास्थ्य सुविधाओं को हाईटेक किया जा रहा है। जिले में छह आक्सीजन प्लांट लगाए जा रहे हैं। जो प्रति मिनट 35000 किलो आक्सीजन का उत्पादन करेंगे।

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कोविड-19 की दूसरी लहर जिले में 28 मार्च से शुरू हुई थी। अप्रैल व मई माह में बीमारी बेकाबू हो गई। पीएचसी व सीएचसी में कोविड संक्रमितों के इलाज के लिए वार्ड नहीं बनाया गया था। जिला अस्पताल में बनाया गया 50 बेड के एल 2 वार्ड में गंभीर मरीजों को भर्ती कराया गया। प्राथमिक व सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में इलाज की सुविधा न होने के कारण अधिकतर मरीजों को घरों में आइसोलेट किया गया। आक्सीजन की कमी व संसाधन के अभाव में चिकित्सक भी मरीजों की जान नहीं बचा सके। दूसरी लहर से सीख लेने के बाद सरकार कोविड की तीसरी लहर से निपटने के लिए जिले की स्वास्थ्य सुविधाओं को हाईटेक कर रही है। सीएमओ डा. केसी राय ने बताया कि तीसरी लहर में संक्रमित हुए मरीजों के इलाज में आक्सीजन की कमी न हो इसके मद्देनजर जिला अस्पताल में तीन आक्सीजन प्लांट लगाए जा रहे हैं, जिसमें दो प्लांट 1000-1000 किलो प्रति मिनट आक्सीजन बनाएंगे। एक 500 किलो प्रति मिनट आक्सीजन का उत्पादन करेगा। इसी प्रकार पीएचसी मंझनपुर व सीएचसी सिराथू व कड़ा में लगाए जा रहे आक्सीजन प्लांट 500 किलो प्रति मिनट आक्सीजन का उत्पादन करेंगे। कहा कि 15 अगस्त तक सभी प्लांट को चालू कर दिया जाएगा। कोविड संक्रमित मरीजों के बेड तक पाइप लाइन के जरिए आक्सीजन पहुंचेगी। कोविड की तीसरी लहर में संक्रमितों के इलाज में आक्सीजन की कमी न हो इसके मद्देनजर छह आक्सीजन प्लांट लगाए जा रहे हैं। साथ ही 650 बड़े व 800 छोटे आक्सीजन सिलिंडर का इंतजाम किया गया है। जरूरत पड़ी तो सिलिंडर से भी मरीजों को आक्सीजन दिया जाएगा। कोविड संक्रमित बच्चों के इलाज के लिए पांच अस्पतालों में अलग वार्ड बनाए गए हैं। इलाज में किसी प्रकार की असुविधा नहीं होगी।

केसी राय, मुख्य चिकित्सा अधिकारी


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