पीएम आवास योजना में फंसे एक करोड़
शैलेंद्र द्विवेदी कौशांबी सरकार ने भले ही गरीबों को प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत पक्की छत मुहैया कराने का बीड़ा उठाया हो लेकिन भ्रष्टाचार योजना को पलीता लगा रहा है। जिले में अपात्रों को योजना के तहत आवास आवंटित कर धनराशि भी जारी कर दी गई है। जांच में मामला उजागर हुआ तो कुछ ने पैसे वापस किए।
शैलेंद्र द्विवेदी, कौशांबी : सरकार ने भले ही गरीबों को प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत पक्की छत देने की मुहिम छेड़ रखी हो लेकिन भ्रष्टाचार योजना को पलीता लगा रहा है। कई अपात्रों को आवास आवंटित कर धन भी दे दिया गया है। जबकि उनके पास पहले से ही पक्की छत व गाड़ियां हैं। जांच में मामला उजागर होने के बाद योजना की दूसरी किश्त तो उन्हें नहीं दी गई लेकिन पहली किश्त के रूप में दिए गए एक करोड़ की वसूली नहीं हो सकी है। दो वर्ष पूर्व दी गई धनराशि पर अपात्र कुंडली मारकर बैठे हुए हैं।
प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत सरकार ने 2021 तक सभी गरीबों को पक्का आवास देने का फैसला लिया है। वर्ष 2011 में कराई गई सामाजिक, आर्थिक व जातिवार जनगणना के तहत पात्र व्यक्तियों को आवासीय सुविधा दी जा रही है। अप्रैल 2016 से मार्च 2018 तक में प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत आवासीय सुविधा देने में जमकर हेराफेरी की गई है। दो वर्षों में ग्राम विकास अधिकारी और ग्राम प्रधान की मिलीभगत से 116 अपात्रों ने प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ लेने के लिए संस्तुति करा ली। यही नहीं ऐसे व्यक्तियों को प्रथम किस्त के रूप में आवास बनाने के लिए 40-40 हजार रुपये भी दे दिए गए, जिनके पास पहले से ही पक्की छत व मोटर गाड़ियां हैं। शिकायत के आधार पर जांच में अपात्र की पुष्टि होने के बाद आला अधिकारियों ने दूसरी किस्त देने पर प्रतिबंध लगा दिया। अपात्रों को दी गई धनराशि को वसूलने के लिए पूर्व में डीआरडीए के परियोजना निदेशक ने खंड विकास अधिकारियों को नोटिस दी थी। इसके बाद दी गई धनराशि को वसूलने के लिए बीडीओ और ग्राम पंचायत अधिकारियों ने पहल की तो 90 लोगों ने तो लिया गया धन जमा करा दिया लेकिन अब भी 26 लोगों ने दी गई धनराशि को वापस नहीं किया। वे एक करोड़ से अधिक सरकारी धन पर कुंडली मारकर बैठे हैं। अधिकारी भी अपात्रों को दी धनराशि को वसूलने के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठा रहे हैं जिससे गरीबों का हक मारा जा रहा।
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प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत लाभार्थियों के चयन में वर्ष 2016-18 में प्रधान व ग्राम विकास अधिकारियों ने गड़बड़ी की है। 116 अपात्रों के खाते में प्रथम किश्त दे दिया गया। जांच के बाद 90 लोगों से दी गई धनराशि को वसूला जा चुका है। शेष धनराशि वसूली की प्रक्रिया चल रही है।
-लक्ष्मण प्रसाद, पीडी डीआरडीए।