पहले दिन आधी रही छात्र-छात्राएं की संख्या
जासं कौशांबी परिषदीय विद्यालयों में सोमवार को पहले दिन बच्चों की संख्या तो कम रही लेकिन जो बच्चे विद्यालय में थे। उनके चेहरे पर नई कक्षा में बैठने को लेकर खुशी साफ दिख रही थी। विद्यालय में मौजूद रहे 40 फीसद बच्चों के पास नई किताबें नहीं होने से पहले कुछ देर तक वह शांत रहे। इसके बाद विद्यालय परिसर में ही खेलने लगी। मध्याह्न भोजन खाने के बाद भी उनकी कार्य शैली वहीं रही और दोपहर को विद्यालय बंद होने के बाद घर चले गए।
जासं, कौशांबी : परिषदीय विद्यालयों में सोमवार को पहले दिन बच्चों की संख्या तो कम रही, लेकिन जो बच्चे विद्यालय में थे। उनके चेहरे पर नई कक्षा में बैठने को लेकर खुशी साफ दिख रही थी। विद्यालय में मौजूद रहे 40 फीसद बच्चों के पास नई किताबें नहीं होने से पहले कुछ देर तक वह शांत रहे। इसके बाद विद्यालय परिसर में ही खेलने लगी। मध्याह्न भोजन खाने के बाद भी उनकी कार्य शैली वहीं रही और दोपहर को विद्यालय बंद होने के बाद घर चले गए।
कौशांबी में करीब 1.55 लाख बच्चों का भविष्य परिषदीय विद्यालयों पर ही टिका है। शासन स्तर से बच्चों को अच्छी तालीम देने और गुणवत्ता पूर्ण मध्याह्न भोजन के लिए लगातार प्रयास कर रहा है। शिक्षा का स्तर भी बीते सालों की अपेक्षा बदला है। नई विधा और शैक्षणिक कार्य में परिवर्तन के कारण बेसिक शिक्षा विभाग में लगातार बदलाव हो रहा है। अब इस बदलाव के कारण परिषदीय विद्यालयों में पढ़ने वाले एक से आठ तक के बच्चों में इजाफा हो रहा है। सुबह साढ़े सात बजे विद्यालय खुल गए थे। कई दिनों बाद विद्यालय खुलने के कारण बच्चों की उपस्थित कम रही। नई किताबें न होने कारण पढ़ाई भी नहीं हुई। ऐसे में केवल बच्चे मस्ती कर अपने घर आ गए। पुरानी किताबों से करनी पड़ रही पढ़ाई
पुरानी किताबों में करनी होगी पढ़ाई प्राथमिक व जूनियर विद्यालयों के सत्र को एक अप्रैल से कर दिया गया है। अप्रैल के पहले दिन से नहीं कक्षाओं की पढ़ाई शुरू कर दी गई है, लेकिन जिले में अब तक किताबें स्कूल में नहीं पहुंची जिसकी वजह से बच्चों को पुरानी किताबों में ही पढ़ाई करनी पड़ रही है। कुछ दिनों में आ जाएंगी सभी किताबें
जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी अरविद कुमार का कहना है कि शासन के निर्देश पर एक अप्रैल से नए शिक्षण सत्र की शुरुआत कर दी गई। जो किताबें हैं उनको बांटा जा रहा है। कुछ दिनों में सभी किताबें आ जाएंगी। तब तक पुरानी से पढ़ाने का निर्देश खंड शिक्षा अधिकारी के माध्यम से विद्यालय भेजा जा चुका है।