अब नाम नहीं काम देखकर चुनेंगे प्रधान
चाहे देश हो या फिर गांव की पंचायत हर जगह अब ऐसे लोगों को अवसर देना चाहिए जिनका काम बेहतर हो नाम वालों को तो दशकों से देख रहे हैं। वह कोई काम नहीं करते। ऐसे में अब युवकों ने अपना इरादा मजबूत कर काम करने वाले को चुनने का फैसला लिया है।
जासं, कौशांबी : चाहे देश हो या फिर गांव की पंचायत हर जगह अब ऐसे लोगों को अवसर देना चाहिए जिनका काम बेहतर हो, नाम वालों को तो दशकों से देख रहे हैं। वह कोई काम नहीं करते। ऐसे में अब युवकों ने अपना इरादा मजबूत कर काम करने वाले को चुनने का फैसला लिया है।
आज गांव की हालत बेहतर नहीं है। हमसे पहले जिन लोगों ने प्रधान का चुनाव किया था। वह उनके काम व व्यवहार को नहीं उनके नाम को देख रहे थे। अब ऐसा नहीं होगा। नाम नहीं काम करने वाला चाहिए। इसके लिए जरूरी है कि युवक पहल करें। हम किसी ने किसी काम से गांव से बाहर रहते हैं। यदि गांव में हमारे बूढ़े माता पिता या फिर अन्य कोई रहता है तो उनको बेहतर सुविधा हमारा आज का फैसला ही दिला सकता है। इस लिए जरूरी है कि सोच विचार का काम वाले को चुनें। हर बार नाम वाले को चुनने की गलती न करें।
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एक ही व्यक्ति को लोग बार-बार चुन लेते हैं। जबकि वह किसी काम का नहीं है। अब इस प्रकार के फैसले दोबारा न होने पाए इसके लिए जरूरी है कि युवक आगे आए। उनको अपने और गांव का भविष्य निर्धारण करना है। आज अवसर मिला है। यह बारबार नहीं मिलेगा।
दीपक सिंह
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हम सब जिन गांव में हैं। पहले वहां के हालात देखें और इसके बाद तय करें कि कौन बेहतर होगा। जो समस्या का निदान करें। उनका चुनाव करें। खुल कर बात करें। दबी जवाब में बात करने से विकास नहीं होगा। यदि कुछ चाहिए तो शोर करना होगा, लोगों की सोच बदलना होगा।
- आशीष पांडेय
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हमारी सोच बदले परिवेश की है। ऐसे में जरूरी है कि हम अपनी बात लोगों को बताएं। जिससे वह हमारे अनुसार चुने गए सदस्य का ही चयन करें। क्योंकि लोकतंत्र में सब की राय महत्वपूर्ण होती है।
मोहित द्विवेदी
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जब तक बेहतर व्यक्ति चुन कर नहीं आएगा। तब तक गांव का विकास नहीं होगा। ऐसे में जरूरी है कि सब एक बेहतर इंसान का चयन करें। मतदान के लिए उनका समर्थन करते हुए वोट करें। हमारी एक वोट हमारे पांच साल बेहतर बना सकती है।
विपिन तिवारी