अब नंबर वाली वर्दी में दिखेंगे सजायाफ्ता कैदी
बंदियों के बीच रह रहे सजायाफ्ता कैदियों की अब अलग पहचान होगी। आला अफसरों के निर्देश पर वाराणसी व प्रयागराज के नैनी से 600 सेट वर्दी मंगा ली गई है। हर कैदियों को तीन से चार पीस बिल्ला नंबर वाली वर्दी दी जाएंगी। सजायाफ्ता कैदियों में शामिल आठ महिलाओं के लिए भी हल्के नीले रंग की वर्दी दी जाएगी। कारागार के प्रभारी अधीक्षक जल्द ही वर्दी को कैदियों में वितरित कराएंगे।
लखन केसरवानी, टेंवा : बंदियों के बीच रह रहे सजायाफ्ता कैदियों की अब अलग पहचान होगी। आला अफसरों के निर्देश पर वाराणसी व प्रयागराज के नैनी से 600 सेट वर्दी मंगा ली गई है। हर कैदियों को तीन से चार पीस बिल्ला नंबर वाली वर्दी दी जाएंगी। सजायाफ्ता कैदियों में शामिल आठ महिलाओं के लिए भी हल्के नीले रंग की वर्दी दी जाएगी। कारागार के प्रभारी अधीक्षक जल्द ही वर्दी को कैदियों में वितरित कराएंगे।
जिला जेल में कुल 795 बंदी व कैदी हैं। 125 कैदियों को अदालत से सजा मिल चुकी है। कारावास की सजा भुगतने वालों में आठ महिलाएं भी शामिल हैं। बंदियों के बीच अपने-अपने कपड़ों में रह रहे सजायाफ्ता कैदियों को देखने के बाद कोई यह नहीं समझ पाता था कि उन्हें सजा मिली है या फिर मुकदमा ट्रायल पर है। ऐसी परिस्थिति में उनकी निगरानी करने के लिए जेल प्रशासन को भी काफी दिक्कत होती थी। हालांकि सीसीटीवी के जरिए सभी बंदी व कैदियों में नजर रखी जाती है। बहरहाल जेल प्रशासन ने बीते दिनों आला अफसरों को पत्र व्यवहार कर सजायाफ्ता कैदियों के लिए वर्दी की मांग की थी। इस पर दो दिन पहले वाराणसी से 485 व नैनी से 115 वर्दी भेजवाई गई है। सफेद रंग की इस वर्दी के साथ महिला कैदियों के लिए हल्के नीले रंग की साड़ी, ब्लाउज व पेटीकोट दिया जाएगा। पुरुष बंदियों के लिए पैजामा, कुर्ता व गमछा मंगाया है। कंबल की जगह दरी में बैठेंगे
सजायाफ्ता कैदियों के लिए बिल्ला नंबर वाली वर्दी के अलावा 300 दरी भी मंगाई गई है। पहले कैदी जिस कंबल का इस्तेमाल सोते समय करते थे, उसी पर बैठा भी करते थे। ऐसे में कंबल जल्दी फट जाता था और कैदियों व बंदियों को ठंड के मौसम में काफी दिक्कत होती थी। अब बंदी व कैदी अपने कंबल को सुरक्षित रखेंगे और बैठने के लिए दरी का इस्तेमाल करेंगे। अब कैदियों की पहचान वर्दी और उनके नंबर से होगी। इसके अलावा बंदियों व कैदियों के बैठने के लिए दरी भी आ गई है। जल्द ही वर्दी व दरी को बंदियों और कैदियों के बीच वितरित कर दिया जाएगा।
- बीएस मुकुंद, प्रभारी अधीक्षक जिला जेल।