ठेकेदारों की लापरवाही बेजुबानों की जिदगी पर मुसीबत
जिले की चार नगर पंचायतों में कान्हा गोशाला निर्माण के लिए शासन ने साल भर पहले अनुमति दी थी। इसके लिए सात करोड़ रुपये खर्च करने का फैसला लिया गया। कार्यदायी संस्था को धन भी दिया गया लेकिन ठेकेदारों की लापरवाही के चलते अब तक किसी भी गोशाला का निर्माण पूरा नहीं हो सका है। इसकी वजह से बेसहारा मवेशी का संरक्षण नहीं हो पा रहा है।
जिले की चार नगर पंचायतों में कान्हा गोशाला निर्माण के लिए शासन ने साल भर पहले अनुमति दी थी। इसके लिए सात करोड़ रुपये खर्च करने का फैसला लिया गया। कार्यदायी संस्था को धन भी दिया गया, लेकिन ठेकेदारों की लापरवाही के चलते अब तक किसी भी गोशाला का निर्माण पूरा नहीं हो सका है। इसकी वजह से बेसहारा मवेशी का संरक्षण नहीं हो पा रहा है। कस्बे व गांव में घूम रहे बेजुबान क्रूरता का शिकार हो रहे हैं।
गोवंशों के संरक्षण के लिए एक वर्ष पूर्व नगर पालिका परिषद भरवारी, नगर पंचायत करारी, अजुहा व चायल में कान्हा गोशाला बनाने के लिए वर्ष 2019-20 में नगर विकास विभाग को धन दिया गया। गोशाला का निर्माण भी शुरू किया गया। ग्रामीणों की मानें तो कार्यदायी संस्था ने गोशाला निर्माण में शुरू से ही लापरवाही बरती है, जिसकी वजह से पशुओं का संरक्षण नहीं हो पा रहा है। आरएसएस प्रांत सह सेवा प्रमुख पवन कुमार व अन्य कार्यकर्ताओं का कहना है कि पशु तस्करी के चक्कर में पखवारा भर पहले भरवारी कस्बे में एक व्यक्ति कई गोवंश के पैरों में धारदार हथियार से वार कर जख्मी कर दिया था। इसकी सूचना जिलाधिकारी व पुलिस अधीक्षक को दी थी। मौके पर पहुंचे सीवीओ डॉ. बीपी पाठक ने आधा दर्जन घायल गोवंशों को मूरतगंज विकास खंड के पल्हना स्थित गोशाला में रखा गया। कोखराज थाना क्षेत्र में पशु तस्करी के चक्कर में कई लोगों के खिलाफ कार्रवाई भी की चुकी है। सीबीओ डॉ. बीपी पाठक का कहना है कि नगर पंचायत करारी, अजुहा व चायल की गोशाला बनाने के लिए दूसरी किश्त की मांग की गई है। बजट के अभाव में निर्माण रुका हुआ है।