मवेशियों के चारे की कमी दूर करेंगी मंडियां
गोसंरक्षण केंद्र में मवेशियों को होने वाली चारे की कमी को अब मंडियों से पूरा किया जाएगा। यहां पर लगने वाली बाजार के दौरान तमाम कारोबारी फल व सब्जी फेंक देते हैं। जो मवेशियों के लिए बेहतर चारा हो सकता है। प्रमुख सचिव पशुधन ने इसको लेकर जिले के अधिकारियों को निर्देश दिया है। अब एकत्रित कर गोसंरक्षण केंद्र के मवेशियों को दिया जाए।
जासं, कौशांबी : गोसंरक्षण केंद्र में मवेशियों को होने वाली चारे की कमी को अब मंडियों से पूरा किया जाएगा। यहां पर लगने वाली बाजार के दौरान तमाम कारोबारी फल व सब्जी फेंक देते हैं। जो मवेशियों के लिए बेहतर चारा हो सकता है। प्रमुख सचिव पशुधन ने इसको लेकर जिले के अधिकारियों को निर्देश दिया है। अब एकत्रित कर गोसंरक्षण केंद्र के मवेशियों को दिया जाए।
जिले की हर बड़ी ग्राम पंचायत में गोसंरक्षण केंद्र खोला गया है। यहां पर बेसहारा मवेशियों को रखा जा रहा है, लेकिन इन मवेशियों के सामने सब से बड़ी समस्या चारे की है। इसका समाधान प्रमुख सचिव पशुपालन बीएल मीणा ने खोज निकाला है। उन्होंने जिले के अधिकारियों को पत्र भेजकर कहा है कि जिले भर में अलग-अलग तिथियों में फल व सब्जी मंडी लगती है। इन मंडियों में फल व सब्जियों का तमाम अवशेष भाग फेंक दिया जाता है। यह मवेशियों के लिए किसी पोषक तत्व से कम नहीं होता। इन मंडियों से अपशिष्ट को जमाकर गोसंरक्षण केंद्र के मवेशियों को चारे के रूप में दिया जा सकता है। करीब 10 फीसद चारे की आपूर्ति के साथ ही पोषक तत्व मिलेंगे। शेष 90 फीसद चारा भूसा व अन्य पदार्थ के रूप में दिया जाए। पशु चिकित्सकों को फल व सब्जी के अपशिष्ट को गोशाला में पहुंचाने के लिए इंतजाम करने का निर्देश दिया है।
डॉ. बीपी पांडेय, मुख्य पशु चिकित्साधिकारी।