जल ऑक्सीजन का सबसे बड़ा स्त्रोत, करें संरक्षित
ऑक्सीजन का सबसे बड़ा स्त्रोत जल है आओ इस संरक्षित करें। प्रत्येक नागरिक को अच्छा स्वास्थ्य स्वच्छ पेयजल प्रदूषण मुक्त वातावरण मिले। इसके लिए हर व्यक्ति को पहल करनी होगी। ये बाते शनिवार को विकास खंड कड़ा क्षेत्र के धर्मा देवी इंटरमीडिएट कालेज केन के परिसर में दैनिक जागरण की ओर से आयोजित संस्कारशाला में समाज सेवी रणविजय निषाद ने कहीं।
संसू, सिराथू : ऑक्सीजन का सबसे बड़ा स्त्रोत जल है आओ इस संरक्षित करें। प्रत्येक नागरिक को अच्छा स्वास्थ्य, स्वच्छ पेयजल, प्रदूषण मुक्त वातावरण मिले। इसके लिए हर व्यक्ति को पहल करनी होगी। ये बाते शनिवार को विकास खंड कड़ा क्षेत्र के धर्मा देवी इंटरमीडिएट कालेज केन के परिसर में दैनिक जागरण की ओर से आयोजित संस्कारशाला में समाज सेवी रणविजय निषाद ने कहीं।
उन्होंने कहा कि जल संरक्षण को लेकर इंसान ध्यान नहीं दे रहा है। इससे लगातार भू जल गिरता जा रहा है। कॉलेज के संस्थापक राम अवतार त्रिपाठी ने कहा कि जीवन के लिए जल को बचाना होगा। जहां ऑक्सीजन 20.9 प्रतिशत सामान्य रूप से होना चाहिए वह दिन -प्रतिदिन घटती जा रही है। प्रधानाचार्य डॉ. राम किरण त्रिपाठी ने जल पुरुष राजेन्द्र सिंह के व्यक्तित्व एवं कृतित्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि उनका जन्म उत्तर प्रदेश के बागपत जिले के डौला गांव में हुआ। उन्होंने अपनी सकारात्मक सोच के बल पर रेगिस्तान को भी हरा भरा कर दिया, जिसके लिए वह पुरस्कृत भी हुए। उनसे हमको जल बचाने की सीख लेनी चाहिए। कहा कि हो रहे जल दोहन की वजह से कौशांबी के आठ ब्लाकों में से छह विकास खंड डार्कजोन है। यदि ध्यान न दिया गया तो जीवन मुश्किल में होगा। कार्यक्रम का संचालन कर रहे रमाशंकर सिंह ने किया। कार्यक्रम में शिक्षक सज्जन सिंह ने अपने विचार किए। शिक्षक ने महापुरुष राजेंद्र से जुड़े सवाल किए और छात्र व छात्राओं ने जवाब दिए।