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उच्चीकृत होंगे कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालय

ग्रामीण क्षेत्र की बालिकाओं को बेहतर शिक्षा मिले इस उद्देश्य ब्लाक स्तर पर कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालयों की शुरुआत की गई थी।अभी आठवीं कक्षा तक संचालित हो रहे इन स्कूलों में अब 9वीं व 10वीं की कक्षा भी संचालित होगी। इसके लिए विद्यालयों को उच्चीकृत किया जाना है। पहले चरण में जिले के चार ब्लाक के स्कूलों को चुना गया है।

By JagranEdited By: Published: Thu, 20 Aug 2020 11:12 PM (IST)Updated: Thu, 20 Aug 2020 11:12 PM (IST)
उच्चीकृत होंगे कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालय
उच्चीकृत होंगे कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालय

कौशांबी : ग्रामीण क्षेत्र की बालिकाओं को बेहतर शिक्षा मिले, इस उद्देश्य ब्लाक स्तर पर कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालयों की शुरुआत की गई थी। नवोदय विद्यालय की तर्ज पर संचालित इन स्कूलों में बालिकाओं को गुणवत्ता पूर्ण शिक्षा के साथ आवासीय सुविधा दी जा रही है। अभी आठवीं कक्षा तक संचालित हो रहे इन स्कूलों में अब 9वीं व 10वीं की कक्षा भी संचालित होगी। इसके लिए विद्यालयों को उच्चीकृत किया जाना है। पहले चरण में जिले के चार ब्लाक के स्कूलों को चुना गया है। जल्द ही हॉस्टल निर्माण शुरू होगा। भूमि की तलाश की जा रही है।

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बालिकाओं के लिए आवासीय सुविधा वाले कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालयों को उच्चीकृत किया जा रहा है। जिले के आठ ब्लाकों में संचालित हो रहे स्कूलों में से नेवादा, कौशांबी, मंझनपुर व सिराथू के स्कूल को पहले चरण में उच्चीकृत किया जाएगा। इसके लिए भूमि की तलाश की जा रही है। कौशांबी को छोड़कर अन्य ब्लाकों में अब तक भूमि नहीं मिल सकी है। इसके लिए राजस्व विभाग के साथ ही शिक्षा विभाग के अधिकारी व कर्मचारी लगातार प्रयास कर रहे हैं। गुरुवार को बेसिक शिक्षा अधिकारी राजकुमार पंडित, डीसी बालिका योगेश तिवारी आदि ने मंझनपुर स्थित विद्यालय के सामने की भूमि को देखा। जिला समन्वयक योगेश तिवारी का कहना है कि यहां पर बालिकाओं के लिए हॉस्टल बनाने का प्रस्ताव तैयार करने की संभावना है। फिलहाल अभी इसे फाइनल नहीं किया गया। वहीं नेवादा व सिराथू में एसडीएम को भूमि तलाश करने का निर्देश डीएम ने दिया है। इसके लिए संबंधित खंड शिक्षा अधिकारियों को भी लगातार संपर्क करते रहने का निर्देश डीएम द्वारा दिया गया है। चारों विद्यालयों के उच्चीकृत होने बाद यहां बालिकाओं की संख्या दोगुना तक हो सकती है। अभी कक्षाएं छह से आठ तक संचालित हो रही हैं। इन कक्षाओं में बालिकाएं ही प्रवेश ले सकती हैं। नया हॉस्टल बनने के बाद यह क्षमता बढ़कर 200 तक पहुंच सकती है। यह स्कूल में हुए प्रवेश पर निर्धारित होगा।

इस तरह होगी शुरुआत

कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालय के पास अभी अपनी कोई शिक्षण व्यवस्था नहीं है। हॉस्टल निर्माण के बाद स्कूल की ओर से आवासीय सुविधा शुरू कर दी जाएगी। एकेडमिक व्यवस्था न होने तक यहां की बालिकाएं नजदीक के राजकीय हाईस्कूल में शिक्षा लेंगी। इसके लिए स्कूल की ओर से पूरा प्रबंध किया जाएगा। जब स्कूल के पास अपनी सुविधा पूरी हो जाएगी तो यहां बालिकाओं को शैक्षणिक सुविधा भी प्रदान की जाएंगी। डीसी बालिका योगेश तिवारी ने बताया कि अभी तक हम भूमि की तलाश कर रहे हैं। इसके बाद आगे की प्रक्रिया शुरू होगी।


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