राजकीय नलकूप की मोटर जलने से सिचाई बाधित
बिजली उपकेंद्र गांजा के तियरा गांव में लगे राजकीय नलकूप की मोटर तीन माह पहले फुंक गई थी। ग्रामीणों की शिकायत के बाद भी जली मोटर को अब तक नहीं बदला गया।
बिजली उपकेंद्र गांजा के तियरा गांव में लगे राजकीय नलकूप की मोटर तीन माह पहले फुंक गई थी। ग्रामीणों की शिकायत के बाद भी जली मोटर को अब तक नहीं बदला गया। अब बारिश नहीं होने से फसलों को सिचाई की जरूरत है। जल्द मोटर नहीं बनी तो किसानों की मेहनत खराब हो जाएगी। कुछ किसान फसल बचाने के लिए दूर से पानी लाने पर विचार कर रहे हैं।
किसानों को सस्ती सिचाई के लिए लगभग सभी गांव में राजकीय नलकूप लगाए गए हैं पर जिम्मेदार अधिकारियों की लापरवाही से किसानों को निजी नलकूपों से अधिक रुपये खर्च कर सिचाई करनी पड़ती है। किसान रामनरेश, भईयालाल, मिश्रीलाल व फूलचंद्र का कहना है कि सरकारी नलकूप न चलने से महंगे दाम पर सिचाई करनी पड़ रही है। राजकीय नलकूप की मोटर तीन माह से जली है। गांव के लोगों ने इसकी जानकारी अधिकारियों को दी थी। तीन माह का समय बीत जाने के बाद भी अब तक मोटर सही नहीं कराई जा सकी। किसान ज्ञान सिंह, राकेश कुमार यादव ने बताया कि गांव में लगे नलकूप की मोटर जलने के बाद से वह लगातार इसे सही करने की मांग कर रहे हैं। करीब एक सप्ताह से कोई न कोई इसको लेकर शिकायत कर रहा है। इसके बाद भी समस्या बनी है। पानी के अभाव में धान के साथ मिर्च, बैगन आदि की फसल खराब हो रही है। ग्रामीणों की बार-बार शिकायत पर 20 एचपी की मोटर भेजी गई है, लेकिन उससे नलकूप चालू नहीं हो सका। इसके स्थान पर 25 एचपी की मोटर की जरूरत है। अधिक क्षमता की मोटर न होने से सिचाई कार्य प्रभावित है।