हुनरमंद प्रवासियों को रोजगार देने की पहल शुरू
गैर प्रांतों व महानगरों से आए प्रवासियों में हुनर की कमी नहीं है। सभी अपनी-अपनी विधा के
गैर प्रांतों व महानगरों से आए प्रवासियों में हुनर की कमी नहीं है। सभी अपनी-अपनी विधा के माहिर हैं। यही कारण है कि घर-गांव छोड़ने के बाद वे कई साल बाहर रहकर अपने परिवार की देखभाल करते रहे। अब जिले में आने के बाद इनके सामने रोजगार का संकट न हो। इनके हुनर को परखकर स्वरोजगार के लिए प्रेरित करने की पहल जिला प्रशासन ने शुरू कर दी है। कौशल विकास मिशन के जिला समन्वयक को सूची तैयार करने की जिम्मेदारी दी गई है।
लॉकडाउन में बेरोजगार होकर लौटे 40 हजार प्रवासी किसी न किसी हुनर में पारंगत हैं। उनके हुनर को परखने का काम जिले स्तर पर शुरू कर दिया गया है। जिलाधिकारी मनीष कुमार वर्मा के निर्देश पर कौशल विकास मिशन के जिला समन्वयक एसके श्रीवास्तव ने बताया कि जो प्रवासी जिस विधा में माहिर हैं, उसकी सूची तैयार हो रही है। अब तक जिले में प्लंबर, फिटर, इलेक्ट्रीशियन, मोची, बढ़ई, सोनारी के काम, राजमिस्त्री, मैकेनिक, दर्जी, ब्यूटीशियन आदि की सूची तैयार हो गई है। करीब 10 हजार लोग चिह्नित किए गए हैं। जो पूर्णरूप से या फिर आंशिक रूप से काम जानते हैं। उनके कौशल को निखारने के बाद सभी को रोजगार दिए जाने की पहल होगी। बताया कि बेरोजगार युवकों को खादी ग्रामोद्योग, जिला उद्योग आदि की विभिन्न योजनाओं से ऋण मुहैया कराते हुए उनको स्वरोजगार के लिए प्रेरित किया जाएगा। जिला समन्वयक एसके श्रीवास्तव ने बताया कि सरकार का उद्देश्य है कि बाहर से आया कोई भी हुनरमंद बेरोजगार न रहे। उनको अपने जिले में ही काम मिले। इससे जिले के विकास में वे सहभागी बनेंगे। इसको लेकर खंड विकास कार्यालय, तहसील कार्यालय के साथ ही कौशल विकास कार्यालय में सूची तैयार की जा रही है।