अधूरे पड़े शौचालय, कागज में हुआ गांव ओडीएफ
संसू, कसेंदा : विकास खंड चायल क्षेत्र के सटई गांव में शौचालय निर्माण के लिए लाखों रुपये दिया गया है। धन अवमुक्त होने के बाद भी 50 से अधिक शौचालयों का निर्माण पूरा नहीं हुआ, लेकिन जिम्मेदारों ने कागज पर गांव को ओडीएफ घोषित कर दिया है, जबकि गांव की आधी आबादी खुले में शौच कर रही हैं।
संसू, कसेंदा : विकास खंड चायल क्षेत्र के सटई गांव में शौचालय निर्माण के लिए लाखों रुपये दिया गया है। धन अवमुक्त होने के बाद भी 50 से अधिक शौचालयों का निर्माण पूरा नहीं हुआ, लेकिन जिम्मेदारों ने कागज पर गांव को ओडीएफ घोषित कर दिया है, जबकि गांव की आधी आबादी खुले में शौच कर रही हैं।
स्वच्छ भारत मिशन ग्रामीण के तहत जिले के सभी गांवों को ओडीएफ बनाने के लिए शौचालय निर्माण का विशेष अभियान चलाया जा रहा है। इसमें सरकार के करोड़ों रुपये खर्च हो रहे हैं, लेकिन ग्राम पंचायतों की ओर से शौचालय निर्माण में काफी गड़बड़ी की जा रही है। इसका नमूना विकास खंड चायल की ग्राम पंचायत सटई में रविवार को देखा गया। यहां पर दर्जनों शौचालय अधूरे हैं। इसके अलावा कई शौचालय में टैंक का निर्माण नहीं कराया गया। गांव के संदीप कुमार, मन्नेलाल, सुरेश, प्रभूलाल ने बताया कि 30 जून 2016 को गांव को पंचायतीराज विभाग ने ओडीएफ कर दिया है। इसके बाद भी गांव अधिकांश लोगों को खुले में शौच करते हैं। ग्रामीण राकेश मेदालाल, महेश ने बताया कि गांव में तीन माह से सफाईकर्मी नहीं आया है। जगह-जगह कूड़े का ढेर लगा है। ग्रामीण बोले
- गांव में दर्जनों पात्रों का शौचालय अधूरा पड़ा है। जिसके चलते गांव के अधिकांश लोगों को खुले में शौच जाना पड़ता है। शिकायत के बाद भी निराकरण नहीं हुआ।
- विश्वनाथ - कई शौचालय को बिना गड्ढे के ही बनवा दिया गया, जिससे लोग खुले में शौच को जाने को मजबूर हैं। इसकी शिकायत ग्राम प्रधान व सचिव से कि गई थी।
- सुरेश पासी - तीन माह से गांव में सफाईकर्मी नहीं आता जिससे गांव में जगह जगह कूड़े का ढेर लगा है। नालियां चोक हो गई जिससे रास्ते पर दूषित पानी भरा रहता है।
- महेश - महीनों पहले शौचालय में काम शुरु हुआ तो लगा था कि अब खुले में शौच जाने से निजात मिलेगी, लेकिन सिर्फ अधूरे कमरे बना कर छोड़ दिए गए है।
- मेदीलाल