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यमुना में अवैध खनन से पट्टाधारक परेशान

जासं कौशांबी यमुना में बालू का अवैध खनन रुकने का नाम नहीं ले रहा। शिकायत के बाद भी अधिकारी इसको लेकर कदम नहीं उठा रहे है। परेशान ठेकेदार ने अब इसको लेकर मुख्यमंत्री से गुहार लगाई है। उनका कहना है कि अवैध खनन से प्रति माह करोड़ों के राजस्व की क्षति हो रही है।

By JagranEdited By: Published: Sun, 19 May 2019 10:46 PM (IST)Updated: Mon, 20 May 2019 06:24 AM (IST)
यमुना में अवैध खनन से पट्टाधारक परेशान
यमुना में अवैध खनन से पट्टाधारक परेशान

जासं, कौशांबी : यमुना में बालू का अवैध खनन रुकने का नाम नहीं ले रहा। शिकायत के बाद भी अधिकारी इसको लेकर कदम नहीं उठा रहे है। परेशान ठेकेदार ने अब इसको लेकर मुख्यमंत्री से गुहार लगाई है। उनका कहना है कि अवैध खनन से प्रति माह करोड़ों के राजस्व की क्षति हो रही है।

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पूरामुफ्ती थाना क्षेत्र के महमूदपुर मनौरी बाजार निवासी संजय कुमार के पास सैदपुर रूसहाई घाट का पट्टा है। उनके घाट के सामने ही प्रयागराज का नौढि़या इमलिया घाट है। किसी कारण से इस घाट को खनन की अनुमति नहीं मिली। ऐसे यहां से अब माफिया बालू का खनन कर रहे है। प्रतिदिन सैंकड़ों की संख्या में बालू का खनन होता है। इसको लेकर संजय कुमार ने आवाज उठाई, लेकिन अब तक अधिकारियों ने अवैध खनन को लेकर कोई कदम नहीं उठाया। मना जा रहा है झलवा प्रयागराज निवासी एक व्यक्ति अवैध खनन में संलिप्त है। उसकी शह पर प्रति दिन खनन होता है। इसके पीछे सत्ता दल के एक नेता का भी हाथ है। ऐसे में अधिकारी खनन करने वालों पर कार्रवाई नहीं कर पा रहे। रात में किया जाता है खनन

खनन का काम दिन में बंद रहता है और जैसे ही शाम होती है तेजी पकड़ लेता है। करीब दो ट्रक बालू प्रति दिन अवैध तरीके से निकाली जाती है। इसके लिए प्रयागराज के रास्ते को छोड़कर माफिया कौशांबी के रास्तों को ज्यादा सुविधा जनक मानते है। वह किसी ने किसी तरीके से कौशांबी जिले का रवन्ना भी जुटा लेते हैं। ऐसे में यदि बालू लेकर गाड़ी घाट से बाहर निकली तो उसको अधिकारी नहीं पकड़ सकते। उनको चकमा देने के लिए उनके पास रवन्ना रहता है। कई बार हो चुका है विवाद

अवैध खनन में संलिप्त माफिया ने आस-पास के असरदार लोगों से संबंध बना रखा है। क्षेत्रीय सहयोग के कारण वह इसका विरोध करने वालों पर हावी हो जाता है। कई बार इस खनन को लेकर विरोध हो चुका है, लेकिन माफिया हर बार कोई न कोई तरीका निकालकर बच जाता है। अधिकारी भी शिकायत को लेकर गंभीरता नहीं दिखाते।


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