बीच मझधार सायरा की पहचान, हिदुस्तान न पाकिस्तान
विकास मालवीय कौशांबी नाम सायरा बेगम। विधिक तौर पर पाकिस्तानी लेकिन आबोहवा हिदुस्तान की। यह
विकास मालवीय, कौशांबी : नाम सायरा बेगम। विधिक तौर पर पाकिस्तानी लेकिन आबोहवा हिदुस्तान की। यहां तक कि बच्चे और शौहर भी। उसकी पहचान का मसला बीच मंझधार है। एक तरफ हिदुस्तान है दूसरी तरफ पाकिस्तान। तीन दशक पहले लाहौर से करारी लौटी सायरा बेगम की यह दास्तान जितना उसे परेशान करनी वाली है, उतनी ही अफसरान को। आसार यहीं हैं कि विदेश और गृहमंत्रालय की दखल से ही उसकी जिंदगी किसी ठांव लगेगी।
करारी थाना क्षेत्र में पचंभा निवासी सायरा बेगम के रिश्तेदार लाहौर में भी रहते हैं। वर्ष 1987 में सायरा बेगम लाहौर गई थी। वहां उसका निकाह हो गया। पति-पत्नी के बीच निभी नहीं। कलह होने लगी तो साल भर बाद ही वह पचंभा वापस आ गई। निकाह के बाद सायरा पाकिस्तानी नागरिक बन चुकी थी इसलिए उसने लांग टर्म वीजा लिया। पचंभा आने के कुछ समय बाद घर वालों ने उसकी दूसरी शादी इलाके के ही चकहिगुई निवासी आकिल अहमद से करा दी। जिंदगी की यह पारी सुखमय रही। समय के साथ सायरा छह बच्चों की मां बन गई।
जनवरी में हुआ वीजा रिन्युवअल
वीजा धारक होने के बावजूद सायरा ने पति के मूल प्रमाण पत्रों को आधार बनाते हुए खुद के लिए मतदाता पहचान पत्र, आधार कार्ड व राशन कार्ड बनवा लिया। भनक पुलिस विभाग के खुफिया तंत्र को हुई तो जांच शुरू हो गई। लांग टर्म वीजा होने के बावजूद भारतीय होने का प्रमाण पत्र बनवाना वैधानिक नहीं था। जनवरी 2020 में ही उसने पांच साल के लिए वीजा का रिन्यूवअल कराया है।
आधार कार्ड कराया जाएगा निरस्त
खुफिया तंत्र ने अपनी रिपोर्ट अधिकारियों को दी तो हड़कंप मच गया। गोपनीय तरीके से महिला व उसके परिवार के लोगों की गतिविधि पर नजर रखी जाने लगी। उपजिलाधिकारी (मंझनपुर)राजेश चंद्रा ने बताया कि खुफिया विभाग की रिपोर्ट मिलने के बाद सायरा बेगम का मतदाता पहचान पत्र तथा राशन कार्ड निरस्त करा दिया गया है। आधार कार्ड निरस्तीकरण की प्रक्रिया लंबित है। जल्द ही रिपोर्ट शासन को भेज दी जाएगी।