उधार के ऑक्सीजन पर कब तक चलेंगी सांसें
टेढ़ीमोड़ आखिर कब तक हमारी सांसें उधार के ऑक्सीजन पर चलेंगी। वर्तमान में कोरोना संक
टेढ़ीमोड़ : आखिर कब तक हमारी सांसें उधार के ऑक्सीजन पर चलेंगी। वर्तमान में कोरोना संकट ने इसे जीवंत कर दिया है। अब भी समय है कि हमें प्रकृति से मिलने वाले ऑक्सीजन को बचाना होगा। अन्यथा आने वाले समय में उधार की ऑक्सीजन से कब तक चल पाएंगे । इस संबंध में कृषि विज्ञान केंद्र कौशांबी के मृदा वैज्ञानिक डॉ. मनोज कुमार सिंह ने बताया कि ऑक्सीजन हमारे शरीर के लिए कितनी जरूरी होता है, हम सभी को यह जानने की आवश्यकता है। कौन से पेड़ सबसे ज्यादा ऑक्सीजन बनाते हैं और कितने समय तक ऑक्सीजन बनाते हैं।
उनका कहना है कि हमें जिंदा रहने के लिए दिन में दो बार शुद्ध भोजन, दस बार पीने के लिए शुद्ध पानी और 21 हजार बार सांस लेने के लिए ऑक्सीजन की आवश्यकता होती है। पेड़ हमारे द्वारा छोड़ी गई कार्बन डाइआक्साइड को लेते हैं और हमें सांस लेने के लिए ऑक्सीजन प्रदान करते हैं। वातावरण में ऑक्सीजन और कार्बन डाइआक्साइड का संतुलन बनाए रखने के लिए कुल क्षेत्रफल का 33 फीसद भू-भाग पर वन क्षेत्र होना चाहिए। इसके साथ ही अच्छी फसल के लिए नियमित सामान्य वर्षा का होना भी जरूरी है और सामान्य वर्षा के लिए वन क्षेत्र का होना जरूरी है। वर्ष 1950 के दशक में हमारे देश में 26 फीसद वन क्षेत्र थे। जबकि, वर्तमान में विकास के चलते वनों की अंधाधुंध कटाई के फलस्वरूप कुल क्षेत्रफल के मात्र सात फीसद वन क्षेत्र ही बचे हैं। वन क्षेत्र कम होने के कारण वातावरण में ऑक्सीजन और कार्बन डाइऑक्साइड का संतुलन बिगड़ता जा रहा है। इसके बावजूद भी हम बेरहमी से पेड़ों, जंगलों को काटते जा रहे हैं। डॉ. मनोज का कहना है कि हमारे द्वारा फसल उत्पादन करने में, अत्यधिक मात्रा में रसायनों के उपयोग के कारण हमारी उपजाऊ धरती बंजर होती जा रही है। बंजर होती धरती, प्रदूषण और कटते जंगलों घटते वन क्षेत्र के कारण ही ऑक्सीजन और कार्बन डाइऑक्साइड का संतुलन बिगड़ रहा है। - ऑक्सीजन देने वाले पेड़
ये पौधे पृथ्वी को सबसे ज्यादा ऑक्सीजन देता हैं। पीपल के पेड़ का विस्तार, फैलाव और ऊंचाई बहुत अधिक होती है। पीपल के पेड़ के साथ कई धार्मिक भावनाएं भी जुड़ी होती है। बताया जाता है कि पीपल का पेड़ ही रात में ऑक्सीजन देता है। डॉ. मनोज ने बताया कि पीपल के पेड़ अन्य पेड़ों के मुकाबले ज्यादा ऑक्सीजन देता है और दिन में 22 घंटे से भी ज्यादा समय तक ऑक्सीजन देता है। पीपल के पेड़ की तरह नीम, बरगद और तुलसी के पेड़ भी अधिक मात्रा में ऑक्सीजन देते हैं। नीम, बरगद, तुलसी के पेड़ एक दिन में 20 घंटों से ज्यादा समय तक ऑक्सीजन का निर्माण करते हैं। हमारी पृथ्वी एकमात्र ऐसा ग्रह है जहां आज भी जीवन संभव है। विश्व पृथ्वी दिवस की थीम रिस्टोर द अर्थ के बारे में बताते हुए कहा कि बेहतर होगा 2020 के बाद धरती के प्राकृतिक सौंदर्य में जो परिवर्तन आया है उसे बरकरार रखने का प्रयास करें।