बेघरों को मुख्यमंत्री आपदा आवास योजना से मिलेगा घर
बारिश व बाढ़ से सैकड़ों लोग तबाह हो गए हैं। फसल नुकसान के साथ 1776 लोग बेघर हो गए हैं। दैवीय आपदा से पीड़ित लोगों को राहत देने के लिए संसद में शनिवार को सीडीओ कार्यालय में जिला स्तरीय अधिकारियों के साथ बैठक की। उन्होंने स्पष्ट किया कि जिन व्यक्तियों का मकान बाढ़ व बारिश से गिर गया है। सभी को आवासीय सुविधा देने के लिए सूची तैयार की जाए। लाभार्थियों के चयन में गड़बड़ी न हो। जिससे बेघर हुए लोगों को पक्की छह मिले।
जासं, कौशांबी : बारिश व बाढ़ से सैकड़ों लोग तबाह हो गए हैं। फसल नुकसान के साथ 1776 लोग बेघर हो गए हैं। दैवीय आपदा से पीड़ित लोगों को राहत देने के लिए संसद में शनिवार को सीडीओ कार्यालय में जिला स्तरीय अधिकारियों के साथ बैठक की। उन्होंने स्पष्ट किया कि जिन व्यक्तियों का मकान बाढ़ व बारिश से गिर गया है। सभी को आवासीय सुविधा देने के लिए सूची तैयार की जाए। लाभार्थियों के चयन में गड़बड़ी न हो। जिससे बेघर हुए लोगों को पक्की छह मिले।
बाढ़ व बारिश से पीड़ित लोगों को सहायता देने के लिए जनप्रतिनिधि व अफसरों ने कवायद तेज की है। सांसद विनोद सोनकर ने शनिवार को कलेक्ट्रेट में जिला स्तरीय अधिकारियों के साथ बैठक में कहा कि जिन लोगों का मकान बारिश से गिरा है उन्हें मुख्यमंत्री दैवी आपदा योजना के तहत आवास बनाने के लिए धन दिया जाएगा। जिलाधिकारी से कहा कि लाभार्थियों की सूची तैयार कर धन की मांग शासन स्तर से करें। मुख्य विकास अधिकारी इंद्रसेन सिंह ने बताया कि बारिश व बाढ़ से अब तक 1776 लोग बेघर हुए हैं, जिनकी सूची आ गई है। अभी सर्वे जारी है जो पात्र होंगे उन्हें नियमानुसार सहायता दी जाएगी। जिलाधिकारी मनीष कुमार वर्मा ने कहा कि जिन लोगों का बारिश से नुकसान हुआ है। उन्हें तहसील प्रशासन की ओर से सहायता उपलब्ध कराई जा रही है। 47000 गरीबों को मिलेगा घर
वर्ष 2022 तक किसी भी व्यक्ति का कच्चा घर नहीं रहेगा। वर्ष 2011 में की गई सामाजिक आर्थिक एवं जातिवार जनगणना में जिन व्यक्तियों का नाम नहीं था। उन्हें प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ नहीं मिल सका। अब पात्र व्यक्तियों को आवासीय योजना का लाभ देने के लिए पुन: सर्वे कराया गया हैं, जिसमें 47000 लोग पात्र निकले हैं। सूची शासन को भेजकर धन की मांग की गई है। सांसद ने बताया कि सभी पात्र लाभार्थियों को आवास बनाने के लिए धन दिया जाएगा।