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सिलीगुड़ी में पकड़े गए शातिर की हिस्ट्री खंगाल रही पुलिस

बंगाल के सिलीगुड़ी पुलिस की गिरफ्त में आए कोखराज के जलालपुर का मोहम्मद महताब अचानक चर्चा में आ गया है। कौशांबी पुलिस अब उसका इतिहास खंगाल रही है। ग्रामीणों का कहना है कि महताब करीब 20 साल से बाहर रहता था। कभी-कभी ही उसका गांव आना होता था।

By JagranEdited By: Published: Sat, 29 May 2021 09:54 PM (IST)Updated: Sat, 29 May 2021 09:54 PM (IST)
सिलीगुड़ी में पकड़े गए शातिर की हिस्ट्री खंगाल रही पुलिस
सिलीगुड़ी में पकड़े गए शातिर की हिस्ट्री खंगाल रही पुलिस

संसू, मूरतगंज : बंगाल के सिलीगुड़ी पुलिस की गिरफ्त में आए कोखराज के जलालपुर का मोहम्मद महताब अचानक चर्चा में आ गया है। कौशांबी पुलिस अब उसका इतिहास खंगाल रही है। ग्रामीणों का कहना है कि महताब करीब 20 साल से बाहर रहता था। कभी-कभी ही उसका गांव आना होता था।

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बंगाल के सिलीगुड़ी जनपद में प्रधान नगर पुलिस ने यूपी नंबर वाली एक लग्जरी गाड़ी पकड़ी। इस गाड़ी में खुद को उत्तर प्रदेश पुलिस का दारोगा बताने वाले एक शातिर समेत कोखराज थाना अंतर्गत जलालपुर बोरियों निवासी मोहम्मद महताब पुत्र स्वर्गीय अताउरहमान को भी पकड़ा। शातिरों को पकड़ने के बाद वहां की पुलिस ने इसकी जानकारी कौशांबी पुलिस को दी है। इसके बाद से ही कोखराज पुलिस उसका इतिहास खंगाल रही है। ग्रामीणों की मानें तो महताब 20 साल से बाहर रहता है। उसका कौशांबी में कभी-कभी ही आना होता था। वह जब भी गांव आता था उसका रंग रूप बदला होता था। हर बार नई गाड़ी से ही उसका गांव आना होता था। 25 मई को भी यह गांव में देखा गया। हर बार नए वाहन से गांव आना और बदली गतिविधियों से गांव के लोगों को इस पर संदेह होता था, लेकिन कोई सवाल नहीं उठाता था। अब बंगाल में पकड़े जाने के बाद गांव में महताब को लेकर तरह-तरह की चर्चा है।

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तीन भाइयों में सबसे बड़ा है महताब

मोहम्मद महताब तीन भाइयों में सबसे बड़ा है। पिता की कई साल पहले मौत हो चुकी है। इसके बाद से ही तीनों भाइयों का परिवार अलग-अलग रहने लगा। महताब का एक भाई गोरे सउदी अरब में रहता है। जबकि दूसरा भाई सोनू महाराष्ट्र में रहकर प्राइवेट नौकरी करता है।

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वर्जन

सिलीगुड़ी में पकड़े गए कोखराज इलाके के युवक के बारे में जानकारी इकट्ठा की जा रही है। अब तक किसी मुकदमे की जानकारी जिले के थानों में नहीं हो पाई है। फिर भी उसके खिलाफ कोई आपराधिक मुकदमा है या नहीं, वह अपराध से जुड़े रहने के अलावा क्या करता था, उसके परिवार के लोग क्या करते हैं, ऐसी तमाम जानकारियां इकट्ठा की जा रही हैं।

- समर बहादुर, अपर पुलिस अधीक्षक।


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